मेरा पालतू पशु पर निबंध / A New Essay on My Pet Animal in Hindi!

मानव समुदाय अनेक प्रकार के पशु-पक्षियों को आवश्यकता और शौक के लिए पालता है। मेरे परिवार में एक कुत्ते को पाला गया है। यह मेरा पालतू पशु है।

मेरे कुत्ते का नाम शेरू है । यह सजग होकर घर की पहरेदारी करता रहता है । यह परिचित व्यक्तियों को देखकर दुम हिलाता है और अजनबियों को देखकर गुर्राता एवं भौंकता है । जरा-सी आहट पाकर यह चौकन्ना हो जाता है । शेरू घर गिन और छत पर चहलकदमी करता रहता है । यह बँधा रहना पसंद नहीं करता, हर समय स्वच्छंद होकर घूमना चाहता है । परंतु जब घर का कोई सदस्य इसे लेकर बाहर जाता है तो इसके गले में जंजीर डाल दी जाती है ।

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शेरू भूरे रंग का है । यह ऊँचे कद का तथा अच्छी नस्ल का कुत्ता है । इसकी दुम कटी हुई है । यह दिखने में आकर्षक लगता है । इसमें गजब की फुर्ती और शक्ति है । इसकी हरकतें मनभावन हैं । यह डबलरोटी, घर की रोटी, दूध, मांस, अंडा, चावल आदि खाता है । मेरे घर में इसके खाने-पीने और रहने का उचित ध्यान रखा जाता है । इसे समय पर रेबीज का टीका दिया गया है ताकि यह स्वस्थ रहे और दूसरों को छूत की बीमारी न फैला सके । यह जब कभी बीमार पड़ता है तो पिताजी इसे पशु चिकित्सक के पास ले जाते हैं । बीमारी की स्थिति में यह उदास-सा हो जाता है । इससे घर में भी उदासी छा जाती है । परंतु इसके स्वस्थ होते ही घर की रौनक लौट आती है ।

शेरू बहुत होशियार है । यह हमारे संकेतों और इशारों को भली- भांति समझता है और तदनुरूप आचरण करता है । इसकी स्वामिभक्ति के सभी कायल हैं । किस समय खुश होना है, किस समय अपनी भक्ति प्रदर्शित करनी है, कब शांत होकर बैठ जाना है, इसका इसे पूरा ज्ञान है । यह हमारे परिवार के एक सदस्य की तरह है । जब यह छोटा-सा था, उसी समय पिताजी इसे खरीदकर घर लाए थे । अब यह काफी बड़ा हो गया है । यह हृष्ट-पुष्ट और तंदुरुस्त है ।

मैं अपने पालतू कुत्ते के साथ सायंकाल घूमने जाता हूँ । मैं इसे लेकर गलियों, मोहल्लों व पार्कों में जाता हूँ । उस समय यह बहुत प्रसन्न दिखाई देता है । यह उछलता है, कूदता है और रास्ते में पड़ी चीजों को सूँघता है । उसके इन क्रियाकलापों के माध्यम से मेरा भी अच्छा-खासा व्यायाम और मनोरंजन हो जाता है । पिताजी इसे साथ लेकर प्रात काल सैर पर जाते हैं । उस समय माँ भी उनके साथ होती है । इस तरह शेरू पूरे परिवार के लिए सैर का एक बहाना बन गया है ।

शेरू सफाई पसंद पशु है । इसे नहाना और साफ-सुथरा रहना पसंद है । यह मल-मूत्र आदि का त्याग करने घर के पिछवाड़े में चला जाता है । घर में कभी भी गंदगी नहीं फैलाता । शेरू मेरा मित्र है । सुख – दु: ख में यह परिवार का भागीदार है । इसके रहते चोर-उचक्के मेरे घर में घुसने का साहस नहीं करते । दिन-रात यह घर की हिफाजत करता रहता है ।

इस प्रकार शेरू मेरे परिवार का अभिन्न अंग है । वह घर की शान बढ़ाता है । वह सशक्त पहरेदार एवं मेरे परिवार का शुभचिंतक है । उसकी सेवाओं के प्रतिफल में हम लोग भी उसका पूरा ध्यान रखते हैं ।

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