संवेदन-शून्य होती भारतीय पुलिस पर निबन्ध | Essay on Indian Police in Hindi
संवेदन-शून्य होती भारतीय पुलिस पर निबन्ध | Essay on Indian Police are Insensitive in Hindi! स्वतंत्रता के बाद यह आशा की गई थी कि पुलिस व्यवस्था और पुलिस कार्य प्रणाली में प्रजातांत्रिक मूल्यों के अनुरूप गुणात्मक परिवर्तन आएगा । यह उम्मीद भी की गई थी कि पुलिस अपना दमनात्मक और राज्य के सबल बाहु का स्वरूप त्यागकर जनता की पुलिस [...]