Archive | Organsiation

संयुक्त राष्ट्र संघ: कल, आज और कल पर निबन्ध | Hindi

संयुक्त राष्ट्र संघ: कल, आज और कल पर निबन्ध. Hindi Essay on United Nations Organisation : Past, Present and Future.  संयुक्त राष्ट्र संघ अर्थात् यू.एन.ओ. (United Nations Organisation) अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं । उसकी स्थापना के समय उपनिवेशवाद का जो अंतरराष्ट्रीय व्यूह था, वह समाप्त हो गया है । शीतयुद्ध काल की असमंजस भरी स्थितियाँ भी नहीं हैं । अब [...]

By |2015-12-17T13:31:08+05:30December 17, 2015|Organsiation|Comments Off on संयुक्त राष्ट्र संघ: कल, आज और कल पर निबन्ध | Hindi

भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों की भूमिका पर निबन्ध

भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों की भूमिका पर निबन्ध! सार्वजनिक संस्थानों से तात्पर्य सरकार द्वारा स्थापित और संचालित उद्योग-धंधों से है । सार्वजनिक संस्थानों ने कम ही समय में भारत की अर्थव्यवस्था में गहरी जड़ें फैला ली है । आज वे भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । कार्य क्षेत्र में विस्तार और राष्ट्रीयकरण के [...]

By |2015-10-26T18:03:04+05:30October 26, 2015|Public Undertakings|Comments Off on भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों की भूमिका पर निबन्ध

ग्रामीण विकास में बैंकों की भूमिका पर निबन्ध | Essay on The Role of Banks in Rural development in Hindi

ग्रामीण विकास में बैंकों की भूमिका पर निबन्ध | Essay on The Role of Banks in Rural development in Hindi! भारत की लगभग अस्सी प्रतिशत जनता ग्रामवासिनी है । यदि देश की ग्रामीण जनता के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया जाएगा तो बीस प्रतिशत शहरी लोगों की उन्नति के बल पर राष्ट्रीय उन्नति के स्वप्न देखना बेईमानी हैं । [...]

By |2015-10-26T18:03:05+05:30October 26, 2015|Organsiation|Comments Off on ग्रामीण विकास में बैंकों की भूमिका पर निबन्ध | Essay on The Role of Banks in Rural development in Hindi
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