समाचार पत्र | News Paper in Hindi!
समाचार पत्रों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है । इनके बिना आधुनिक जीवन की कल्पना कठिन है । समाचार प्राप्त करने के ये सबसे लोकप्रिय और सस्ते साधन हैं । प्रतिदिन लाखों लोग देश में इनको पढ़ते हैं । अनेक भाषाओं में और अनेक नगरों से ये प्रकाशित होते हैं । लोगों के दिन का प्रारंभ ही इनके पढ़ने से होता है ।
यदि किसी दिन, किसी कारण, समाचार पत्र पढ़ने को नहीं मिलते, तो बड़ा सूना-सूना लगता है । एक अच्छे समाचार पत्र में कई चीजें होती हैं । यह ताजा और नये समाचार देता है । जो देश-विदेश के बारे में होते हैं । रिक्त स्थानों के इस में विज्ञापन होते हैं । बहुत रोचक और ज्ञानवर्धक, लेख, कहानियां, कार्टून, प्रकाशकीय आदि भी इसमें होते हैं ।
व्यापार, सांस्कृतिक, सामाजिक, खेलकूद जैसे विषयों पर भी इसमें बहुत सामग्री और सूचनाएं होती हैं । सरकार की नतियों, कार्यक्रमों का विवरण भी इनमें विस्तार से होता है । साथ ही जनता की प्रतिक्रिया और राय इसमें होती हैं । शादी-विवाह संबंधी सूचनाएं, विज्ञापन भी इनका एक और आकर्षण है ।
केवल 2-3 रुपय में समाचार पत्र हमें सारे देश, समाज और विश्व से जोड़े रखते हैं । विभिन्न लोग विभिन्न कारणों से समाचार पत्र पढ़ते हैं । विद्यार्थियों का सामान्य ज्ञान इससे बढ़ता है, व्यापारियों को अपने व्यवसाय की जरूरी जानकारी मिलती है, तो नेतागण को राजनीतिक हलचलों का पता चलता है ।
कुछ लोग खेलकूद संबंधी समाचारों के लिए इसे पढ़ते हैं, तो कुछ अन्य लोग फिल्म और मनोरंजन की सामग्री के लिए । समाचार पत्रों में सभी के लिए कुछ-न-कुछ अवश्य रहता है । महिलाओं के लिए भी इनमें बहुत उपयोगी सामग्री रहती है । फुर्सत के समय भी एक समाचार पत्र हमारा बड़ा अच्छा साथी सिद्ध होता है। इनके कारण हजारों लोगों को नौकरी और काम मिला हुआ है ।
अगर ये नहीं रहें तो सब निठल्ले और बेरोजगार हो जायेंगे । लोकतंत्र में तो समाचार पत्रों का और भी महत्व बढ़ जाता है । ये जनता की राय जानने के बहुत अच्छे साधन हैं । जनमत बनाने में भी इनकी बड़ी भूमिका रहती है । विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय विषयों पर टिप्पणियां, लेख और इनमें राय होती हैं ।
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इनके द्वारा अनेक लोगों को रोजगार मिलता है । पुस्तकों, फिल्मों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कला वस्तुओं पर भी विशेषज्ञों के विचार इनमें होते हैं । इस तरह समाचार पत्र कई प्रकार से हमारे लिए उपयोगी हैं । टेलीविजन की बढ़ती हुई लोकप्रियता के बावजूद भी इनकी आवश्यकता और उपयोगिता हमेशा बनी रहेगी ।
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समाचार पत्रों का दुरुपयोग भी हो सकता है । यदि वे स्वार्थी, संकीर्ण और ओछे लोगों के हाथों में हों, तो वे घृणा, अफवाहें, जातीय वैमनस्य, हिंसा, तनाव आदि फैला सकते हैं । वे जनमत को गुमराह कर सकते हैं । देश के जीवन में विष भर सकते हैं । समाचार पत्र बहुत शक्तिशाली माध्यम है ।
इनका उपयोग अहित में भी किया जा सकता है । यदि समाचार पत्रों के मालिकों का ध्येय केवल रुपया कमाना ही हो, तो ये हमारे लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकते हैं । सनसनीखेज खबरें छापकर, अश्लील सामग्री देकर या फिर अफवाहें फैलाकर ये समाज में अराजकता ला सकते हैं ।
एक अच्छा समाचार पत्र वरदान है, तो बुरा एक शाप और विष । एक बुरा समाचार पत्र अनैतिकता को बढ़ावा दे सकता है, हिंसा फैला सकता है या फिर सांप्रदायक घृणा । दूसरों पर कीचड़ उछालने या या किसी के चरित्र-हनन के लिए भी इनका दुरुपयोग होते देखा गया है । प्रचार के ये बहुत शक्तिशाली माध्यम हैं । यह प्रचार अच्छा हो और बहुत बुरा भी ।
इन सब कमियों के होते हुए भी ये आवश्यक हैं । इनको पढ़ने में लगाया गया समय व्यर्थ नहीं जाता । उससे जो ज्ञान मिलता है, दृष्टि-विस्तार होता है और देशप्रेम बढ़ता है, वह किसी और तरह से संभव नहीं । आवश्यकता इस बात की है कि समाचार पत्र निष्पक्ष और ईमानदार हों ।