एक मैच का वर्णन पर निबंध | Essay on A Match You Recently Seen in Hindi!

पिछले महीने मेरे विद्‌यालय ‘ रामकृष्ण पब्लिक स्कूल ‘ और ‘ सेंट गिरि स्कूल ‘ के मध्य एक क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ । मैच शहर के एक स्टेडियम में खेला गया । यह पचास-पचास ओवरों वाला एक दिवसीय मैच था । दोनों विद्‌यालयों की टीमें अपनी पूरी तैयारी के साथ निर्धारित समय पर स्टेडियम में पहुँच गई थीं ।

मार्च का सुहावना दिन था । नौ बजे दोनों टीमों के कप्तान और अंपायर मैदान के मध्य में आ गए । टॉस हुआ, जिसमें हमारे कप्तान ने बाजी मारी । हमारे कप्तान ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया ।

पंद्रह मिनट के अंतराल पर हमारी टीम की सलामी जोड़ी मैदान पर उतरी । दर्शकों ने तालियाँ बजाकर उनका स्वागत किया । विपक्षी टीम के कप्तान ने फील्डिंग सजाई । दोनों निर्णायक अपने- अपने स्थान पर खड़े हो गए । गेंदबाजी का सिलसिला आरंभ हुआ । गेंदबाज ने पहले ओवर में बहुत सटीक गेंदबाजी की । तेज गेंदबाज को विकेट की नमी का फायदा मिल रहा था । दूसरे ओवर में स्टंप से बाहर जाती गेंद के साथ छेड़खानी करने के कारण हमारे एक बल्लेबाज की गेंद को दूसरे स्लिप में लपक लिया गया । इस तरह हमारी टीम को शुरूआत में ही करारा झटका लगा । स्कोर था – 2 रन और 1 विकेट । अब हमारा कप्तान बल्लेबाजी करने आया ।

तीसरे ओवर से हमारे बल्लेबाजों ने जम कर प्रहार करना आरंभ कर दिया । कुछ शानदार चौके और तीन छक्के लगे । दस ओवर की समाप्ति पर हमारी टीम ने 1 विकेट खोकर साठ रन बना लिए थे । पारी को ठोस शुरूआत मिल चुकी थी । लेकिन बारहवें ओवर में हमारी टीम को दूसरा झटका लगा । हमारा दूसरा सलामी बल्लेबाज तीस रन बनाकर पवेलियन लौट गया ।

अब मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने मोर्चा संभाला । एक-एक, दो-दो रन के साथ पारी आगे बढ़ रही थी । हमारी टीम ने अठारहवें ओवर की समाप्ति पर दो विकेट खोकर सौ रन बना लिए थे । चौबीसवें ओवर में टीम को तीसरा झटका लगा । हमारी टीम का कप्तान अपना अर्द्धशतक पूरा का पवेलियन लौट गया । दो ओवर के बाद विपक्षी टीम के फिरकी गेंदबाज ने हमारा चौथा विकेट भी गिरा दिया । हमारी टीम कठिनाई में घिरी नजर आने लगी । उस समय स्कोर था – चार विकेट पर 146 रन ।

अब मध्यक्रम की आखिरी जोड़ी पर पूरा दारोमदार था । उन्होंने संभलकर खेलना आरंभ किया । जब उनकी आँखें जम गई तो उन्होंने चौकों और छक्कों की झड़ी लगा दी । चालीसवें ओवर की समाप्ति पर टीम ने चार विकेट के नुकसान पर दो सौ रन बना लिए थे । आखिरी दस ओवरों में तेज गति से रन बनने लगे । बीच-बीच में विकेट गिरते रहे परंतु रनों की रफ्तार नहीं थमी । पारी समाप्त होने तक हमारी टीम ने आठ विकेट पर दो सौ पचहत्तर रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया ।

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तीस मिनट के अंतराल के बाद खेल पुन: आरंभ हुआ । अब हमारी टीम क्षेत्ररक्षण करने उतरी । कप्तान ने फील्ड सजाई । गेंदबाजी आरंभ हुई । विपक्ष के सलामी बल्लेबाजों ने अपनी टीम को ठोस शुरूआत दी । उन्होंने बिना विकेट खोए पचास रन बना लिए । ग्यारहवें ओवर में हमारे तेज गेंदबाजों ने जबरदस्त गेंदबाजी की और बल्लेबाज को पगबाधा आउट कर दिया । टीम के समर्थक खुशी से उछल पड़े । अगले ही ओवर में विपक्षी टीम को दूसरा झटका लगा । आक्रामक शॉट लगाने के फेर में उसे सीमा-रेखा पर लपक लिया गया ।

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अब तो हमारे गेंदबाज विपक्षी बल्लेबाजों पर हावी हो गए । रनों की गति पर अंकुश लग गया । दबाव में खेलते हुए विपक्षी टीम ने नब्बे रन पर अपना तीसरा विकेट गँवा दिया । इसके बाद उनके मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने कुछ अच्छे हाथ दिखाए और टीम ने तीस ओवर में तीन विकेट खोकर एक सौ पच्चीस रन बना लिए । लेकिन अभी भी उन्हें लंबा फासला तय करना था ।

हमारे कप्तान ने गेंदबाजी में लगातार परिवर्तन करते हुए विपक्षी टीम को दबाव में डाले रखा । उन्हें पैंतीसवें ओवर में चौथा झटका रन आउट के रूप में लगा । अभी वे दो सौ रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए थे कि उनका पहले पाँचवाँ, फिर छठा विकेट गिर गया । हमारे खिलाड़ियों में जोश की लहर दौड़ गई ।

अब मैच पर हमारी टीम की पकड़ मजबूत दिखाई देने लगी । चालीस ओवर की समाप्ति पर विपक्षी टीम ने सात विकेट खोकर एक सौ अस्सी रन बनाए थे । उनके विकेटों का पतन तेज गति से हो रहा था और रन धीमी गति से बन रहे थे । अंतत: पूरी विपक्षी टीम उन्यासवें ओवर में दो सौ छत्तीस रन बना कर आउट हो गई । हमारी टीम के खिलाड़ी और समर्थक खुशी से उछल पड़े । दूसरी ओर विपक्षी टीम के खिलाड़ी उदास दिखाई दे रहे थे ।

मैच की समाप्ति पर पुरस्कार वितरण समारोह हुआ । जिले के शिक्षा अधिकारी ने विजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान की । हमारी टीम के उस गेंदबाज को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया जिसने मात्र छत्तीस रन देकर चार विकेट चटकाए थे । समारोह की समाप्ति पर खिलाड़ी और दर्शक अपने- अपने निवास स्थान की ओर लौटने लगे । इस रोमांचक मैच की यादें हमारे मन में अभी भी अंकित हैं ।

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