अटल बिहारी वाजपेयी | Atal Bihari Vajpayee in Hindi!

1. भूमिका:

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम ससार में कौन नहीं जानता । अटल बिहारी का नाम केवल एक नेता के रूप में ही नहीं एक कवि, लेखक, पत्रकार और एक ऊँचे चरित्र वाले व्यक्ति के रूप में भी लिया जाता है ।

अटलजी का जन्म 25 दिसम्बर, 1926 ई को मध्य प्रदेश के शिंदे छावनी नामक क्षेत्र में हुआ था । इनके पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक थे । उनकी माता श्रीमती कृष्णा देवी धार्मिक संस्कारों वाली महिला थीं ।

2. जन्म और शिक्षा:

अटलजी के चरित्र पर अपने माता-पिता के अलावा अपने दादाजी बाबू श्यामलाल वाजपेयी के उन्नत चरित्र, ज्ञान एवं देश-प्रेम की भावना का भी प्रभाव पड़ा । अटलजी आठ वर्ष की अवस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सम्पर्क में आ गये थे ।

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तभी से उन्होंने तय कर लिया था कि सब कुछ छोड्‌कर वे केवल देश के लिए सब कुछ करेंगे । उन्होंने गवालियर के विक्टोरिया कॉलेज से बीए, तथा कानपुर के डी.ए.वी. कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की । अटलजी ने अपने पिता के साथ डी.ए.वी. कॉलेज में एल.एल.बी. की पढ़ाई की ।

3. कार्यकलाप:

अटलजी अपने स्कूली-जीवन से ही देश-प्रेम की कविताएँ लिखने लगे थे । दसवीं कक्षा में उनकी लिखी एक कविता अत्यत लोकप्रिय हुई । उसी कविता की दो पंक्तियाँ हैं ।

होकर स्वतंत्र मैंने कब चाहा था कर लूँ जग को गुलाम । मैंने तो सदा सीखा है करना अपने मन को गुलाम ।।

आप सन् 1948 में ‘पाज्जजन्य’ नामक साप्ताहिक पत्रिका के सम्पादक (Editor) बने । इसके बाद आपने ‘राष्ट्रधर्म’, ‘दैनिक स्वदेश’, ‘चेतना’, ‘वीर अर्जुन’ आदि समाचार पत्रों का सम्पादन किया । आपकी लिखी पुस्तकों में ‘मृत्युया हत्या’ ‘अमरबलिदान’ तथा कैदी कविराय कीकुण्डलियाँ आदि बहुत प्रसिद्ध हैं ।

4. उपसंहार:

अटलजी सन् 1951 में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित पार्टी जनसंघ में शामिल हुए और 1 व 55 में लोकसभा का चुनाव लड़े परंतु हार गये । पुन: सन् 1957 के चुनाव में उन्हें विजय मिली । सन् 1977-78 में जनता पार्टी की सरकार में आप विदेश मंत्री रहे । सन् 1996 में आप केवल 13 दिनों तक प्रधानमंत्री रहे और फिर से 1999 में प्रधानमंत्री बने । तथा इस पद पर 2004 तक बने रहे ।

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