साइबर विश्व: इसके आकर्षण तथा चुनौतियाँ | Cyber World : Its Impact and Challenges!
सूचना क्रान्ति मानव की अभूतपूर्व उपलब्धि है जो उसकी असीम सृजनात्मक शक्तियों से भी परिचित कराती है। इसने विश्वव्यापी भागदौड़ तथा दुतगामी विकास को एक नया फलक प्रदान किया। इस क्रान्ति के फलस्वरूप भौगोलिक तथा राजनीतिक सीमाओं से आबद्ध सकीर्णताएँ अपने दायरे से बाहर आई हैं तथा विश्व स्तर पर ज्ञान विज्ञान तथा संवाद के लिए एक मंच प्रस्तुत किया है। इसकी महत्ता, उपयोगिता तथा विस्तार को देखते हुए इसे ” सूचना क्रान्ति ” के नाम से सम्बोधित किया गया है। सूचना क्रान्ति के व्यापक विस्तार से अब सम्पूर्ण विश्व एक वैश्विक गाँव के रूप में बदल गया है । आधुनिक सूचना क्रान्ति वैज्ञानिक चक्र के तीसरे चरण को पूर्ण कर चौथे चरण में प्रवेश कर रही है तथा विश्व समुदाय सूर्य समुदाय की ओर तेजी से आगे बढ रहा है। इससे प्रतीत होता है कि वर्तमान युग केवल सूचना युग ही है । जिसके पास जितनी अधिक सूचना है, वह उतना ही ज्ञानवान है और जो अपनी जानकारी का जितना अधिक उपयोग कर सकता है, वह उतना ही अधिक शक्ति सम्पन्न है।
आधुनिक सूचना क्रान्ति का सूत्रपात प्रसिद्ध वैज्ञानिक आर्थर सी.क्लार्क की एक विज्ञान कथा ‘संचार उपग्रह’ की कल्पना से शुरू हुआ । सूचना के क्षेत्र में सबसे प्राचीन तकनीक टेलीग्राफ थी। 1876 में ग्राहमबेल ने टेलीफोन का अविष्कार किया । तत्पश्चात् 1901 में मार्कोनी द्वारा ” बेतार तकनीकी ” के अविष्कार के बाद तार की आवश्यकता ही समाप्त हो गई तथा सूचना सम्प्रेषुण तार की सीमा से बाहर निकल गयी । टेलीविजन के आविष्कार से दृश्य व श्रव्य दोनों माध्यमों का सम्प्रेषण सम्भव हुआ । वैज्ञानिक आविष्कारों एवं खोजों की शृंखला में रेडियो, टेलीफोन, टेलीविजन, कम्प्यूटर, इंटरनेट, प्रिन्टर, मोबाइल फोन, पेजर, कम्पजैंस पद्धति आदि ने इसको क्रान्तिकारी स्वरूप प्रदान किया जिससे ग्लोबय विलेण की संकल्पना मूर्त रूप लेती दिखाई दे रही है। सूचना क्रान्ति ने मानव जीवन के विविध पक्षों को अभूतपूर्व रूप से प्रभावित किय’ है। वर्तमान में घर बैठे देश-विदेश की सूचनाएं पल-पल ग्रहण कर रहे हैं। व्यापार जगत्, शिक्षा, समाचार तंत्र, अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य, मनोरंजन, स्वास्थ्य और सरकारी कामकाज आदि कोई भी क्षेत्र कम्प्यूटर और सूचना तकनीकी के उपयोग से अछूता नहीं रहा है । देश विदेश के आर्थिक क्षेत्र ने इसका भरपूर लाभ उठाया है । बैकिंग, बीमा, उद्योग, वाणिज्य-व्यापार, चिकित्सा, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी के नवीनतम प्रयोगों ने आमूलचूल परिवर्तन ला दिया है।
तकनीकी उपकरणों में कम्प्यूटर आज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। साधारण से कार्यों में भी इसकी उपयोगिता व लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। इसका प्रमुख कारण कम्प्यूटर की तीव्रगति, विपुल संग्रह क्षमता, अतिशुद्धता व सक्षमता है । कम्प्यूटर पर इंटरनेट कनेफ्यान ने विश्व के लोगों को आपस में जोड़ने का कार्य किया है, जिससे लोगों का कम्प्यूटर की तरफ रूझान बढ़ रहा है ।
जब सारा विश्व ही सूचना क्रान्ति से प्रभावित है यहां तक कि दैनिक जीवन में भी इस क्रान्ति का असर हो रहा है । तो आवश्यकता इस बात की है कि आम आदमी तक सूचना क्रान्ति का लाभ पहुँचाया जाए तथा लोगों तक कम्प्यूटर की पहुंच बढ़ाई जाए।
इस समस्या का हल खोजने के लिए भारत तथा अन्य कई देशों में भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। एक प्रयास है कम्प्यूटर की कीमते कम करना तथा ऐसे उपकरण विकसित करना जिससे इंटरनेट से जुड़ा जा सके । इंटरनेट के जरिए आम आदमी को पास लाने के लिए एक प्रयोग हो रहा है ” साइबर कैफे ” के रूप में । जिसका तात्पर्य है एक सामुदायिक कम्प्यूटर जिसका वे सभी लोग प्रयोग कर सकें जिनके पास कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं है ।
विश्व पर ‘ साइबर कैफे ’ के प्रभाव के कारण
‘ साइबर कैफे ‘ के प्रति लोगों का बढ़ते आकर्षण का कारण है इंटरनेट। यह विश्वव्यापी कम्प्यूटर नेटवर्क है। इसमें विश्वभर की विस्तृत सूचना एकत्र की जाती है। इंटरनेट का कनेक्शन रखने वाला व्यक्ति किसी भी समय, किसी भी विषय पर तत्काल जानकारी प्राप्त कर सकता है। वास्तव में इंटरनेट विभिन्न नेटवर्कों का एकीकरण रूप ही है। इसकी लोकप्रियता का प्रमुख कारण यह है कि इस समूह का कोई भी प्रभावी (इंचार्ज) नहीं होता दूसरे इस सिस्टम में कोई सेन्सरशिप नहीं है। इंटरनेट पद्धति में सम्पूर्ण सूचनाएं कम्प्यूटरों में भरी होती हैं, इन्हें तकनीकी भाषा में ‘ वेबसर्वर ‘ कहा जाता है। ये सभी कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और सम्पूर्ण जाल को वर्ल्ड-वेब (www) के नाम से जाना जाता है । इस पूरी प्रणाली ने प्रत्येक (व्यक्तिगत कम्प्यूटर सहित) कम्प्यूटर में निहित जानकारी को ‘ होम पेज ‘ के नाम होम पेज को एक पुस्तक, वेबसाइट को पुस्तक अलमारी और वेबसर्वर को पुस्तकालय के रूप में देखा जाए, तो इंटरनेट सिस्टम को लाखों पुस्तकालयों से बनी एक विशाल लाइब्रेरी के रूप में जाना जा सकता है। इंटरनेट हमें अनेक सुविधाएँ भी प्रदान कुरता है।
ई-मेल द्वारा इटरनेट से जुड़े किसी कम्प्यूटर को तत्काल सूचना सम्प्रेषित कर सकते हैं और वह कम्प्यूटर उस सूचना को मुद्रित तथा आवश्यकतानुसार सुरक्षित रख सकता है। वाणिज्य-व्यापार के क्षेत्र में ई-कामर्स तथा ई-बिजनेस का भरपूर लाभ लिया जा रहा है। इसके माध्यम से वस्तुओं के विज्ञापन एवं क्रय-विक्रय तथा बीमा, उद्योग, व्यापार से सम्बन्धित अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। यूनेट की सहायता से नेटवर्क में निहित सूचनाओं के भण्डार को किसी विषय पर रुचि रखने वाले व्यक्तियों से सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं विचार विमर्श कर सकते हैं । वीडियो कान्फ्रेनिसिंग के माध्यम से हजारों किमी, दूर कम्प्यूटर स्क्रीन पर बैठे दो व्यक्ति एक-दूसरे से बातचीत कर सकते हैं । मोबाइल फोन और सेटेलाइट फोन सूचना सम्प्रेषण का एक लोकप्रिय माध्यम है। वर्तमान में इस प्रणाली में ‘ वैप ‘ नामक तकनीकी का समायोजन करके और अधिक सक्षम बना दिया है। इसके अतिरिक्त वर्ल्ड वाइड वेब, टेलनेट, ई फैक्स, मल्टी मीडिया इनमार सेट, पेजर इत्यादि के माध्यम से मानव विभिन्न क्षेत्रों से लाभ उठा रहा है ।
चिकित्सा के क्षेत्र में सूचना तकनीक ने अभूतपूर्व क्रान्ति मचा दी है। इसके जरिए डॉक्टर दूर स्थित मरीजों को टेलीकम्मुनिकेशन एवं सूचना तकनीकी के माध्यम से जाँच कर सकता है तथा रोगों का निदान कर सकता है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर मरीज की ई.सी.जी, एक्सरे कैट स्कैन (CAT-SCAN) एम आर आई (MRI) इत्यादि की तस्वीरें कम्प्यूटर वीडियो फाइल खोलकर जाँच कर सकते हैं । इतना ही नहीं डिजिटल कैमरे का प्रयोग करके डॉक्टर मरीज के अन्दरूनी अंग-प्रत्यंगों की जाँच भी कर सकता है ।
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इसके अतिरिक्त जन कल्याण के क्षेत्र में भी इंटरनेट महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह कर रहा है। विकास कार्यक्रमों के लिए यह आवश्यक है कि सरकार एवं जनता के मध्य सरल सम्प्रेषण हो जिससे कार्यक्रमों का समुचित रूप से नियन्त्रण एवं निर्देशन हो सके । विश्व के अधिकांश देश इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है । भारत सरकार ने ग्रामीण विकास एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का निरीक्षण करने के लिए 1985 में ” कम्प्यूटरीकृत ” ग्रामीण सूचना प्रणाली की शुरुआत की । अंतरिक्ष में स्थापित उपग्रहों से प्राप्त सूचना एवं आकड़ों का विश्लेषण कर मानसून, वर्षा, तूफान, चक्रवात तथा हिमपात की पूर्व सूचना से कृषि विकास को एक नई दिशा प्राप्त हुई है। आज टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से करोड़ों किसान सीधे मण्डियों से जुड़ गए हैं तथा भाव के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करके समुचित लाभ ले रहे हैं, जो इंटरनेट की उपयोगिता को सिद्ध करता है ।
इंटरनेट ने वाणिज्य तथा व्यापार के क्षेत्र में क्रान्ति ला दी है। ग्राहकों को अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकालकर शहर के ट्रैफिक वाले डिपार्टमेन्टल स्टोर, बैंक, शेयर बाजार या वित्तीय संस्थाओं तक आने-जाने की तकनीक से इंटरनेट ने मुक्ति दिलाई है । यह सब इंटरनेट पर व्यापार के कारण सम्भव हो सका जिसे ई-कॉमर्स के नाम से जानते हैं। एक आकलन के अनुसार वर्ष 2000 में इंटरनेट के माध्यम से ई-कॉमर्स द्वारा लगभग 45 खरब रुपयों का व्यापार हुआ। ई-कॉमर्स से समान व सेवाओं की ऑन लाइन खरीद फरोख्त की जाती है । इस सेवा में सुई से लेकर हैलीकॉप्टर तक के क्रय विक्रय के लिए वेबसाइट उपलब्ध हैं। ई-मेल की तर्ज पर ई-कॉमर्स की शुरुआत हुई है। यह सेवा चौबीसों घण्टे उपलब्ध रहती है । ई-कॉमर्स की सफलता अभी शुरुआती दौर में है। मगर व्यापार में ग्राहक बढ़ाने और उत्पादकता में वृद्धि के लिए यह सबसे अच्छा व लोकप्रिय तरीका है। आने वाले समय में शायद ही कोई कारोबार होगा जिसका अपना वेबसाइट न हो । इसके प्रमुख गुणों में व्यापार में दूरी का अत्यधिक कम होना, समय में कमी, न्यूनतम लागत 365 दिनों के चौबीसों घण्टे क्रय-विक्रय करना, नई वस्तु/सेवा का नाम जोड़ना, घटाना, सरल, गलतियों की आशंका कम, व्यापक चुनाव का अवसर, शादी जैसे कार्य भी सम्भव हैं।
हालांकि ई-कार्मस के तमाम लाभों के साथ-साथ ऐसी समस्याएं भी हैं, जो इसके विकास में बाधक हैं जैसे वस्तु को हाथ से लेकर नहीं देखना, सामाजिक सम्पर्कों में कमी, कम्प्यूटर तथा पैसे में गड़बड़ी की सम्भावना, ग्राहक का शिक्षित होना, उच्च व निम्न वर्ग में अन्तर, प्रशिक्षण का अभाव आदि।
साइबर का विश्व पर नकारात्मक प्रभाव
सूचना क्रान्ति की तकनीक ने जहाँ मानव के भौतिकवादी जीवन को सुखद अनुभूतियों से भर दिया है, वहीं दूसरी ओर उसके संस्कृति, सभ्यता, जीवन मूल्यों, इत्यादि को संकट में डाल दिया है। मानव जीवन के विविध पक्ष जहां इससे समृद्ध हुए हैं, वहीं इस क्रान्ति ने उन लोगों के सांस्कृतिक जीवन को गहरा आघात पहुँचाया है जो विश्व के अनेक दुर्गम क्षेत्रों में शताब्दियों से अपने सांस्कृतिक अस्तित्व को संजोकर रखे हैं ।
इंटरनेट पर साइबर सेक्स एक आम बात हो गई है । बटन दबाते ही हजारों अश्लील दृश्य सामने प्रत्यक्ष हो जाते हैं। आज खुलेआम अनेक विज्ञापन माध्यमों से टेलीफोन पर ” वाकसेक्स ” को प्रोत्साहन दिया जाता है। इंटरनेट पर युवक और युवतियों के लिए अनेक वेबसाइट खोले गए हैं जो परोक्ष रूप से सेक्स अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं।
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इंटरनेट ने अपराध जगत को बहुत संरक्षण प्रदान किया है। अनेक आतंकवादी संगठन बेवसाइटों का प्रयोग कर भड़काऊ उद्देश्यों, लक्ष्यों एवं कार्यक्रमों द्वारा समाज में घृणा, द्वेष तथा आतंक का माहौल फैला रहे हैं। सूचना तकनीक आतंकवादी संगठन के सदस्यों में वृद्धि तथा सहयोग एवं समर्थन प्राप्ति का भी साधन बन गया है। पेशेवर अपराधी टेलीफोन, इंटरनेट, मोबाइल का प्रयोग धमकी देने का नया माध्यम है। यही नहीं अपराध को अन्तिम रूप देने में भी यह कारगर साबित हो रही है। अपराध का अब अंतर्राष्ट्रीयकरण हो गया है।
अधिक तकनीकी उपकरणों के प्रयोग ने स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर होती जा रही है । कम्प्यूटर के स्क्रीन से निकलने वाली चमक से आखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ” सूचना क्रान्ति ” पर मानव की बढती हुई निर्भरता ने अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। इस दिशा में तत्काल प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। थोड़ी-सी गलती अनेक बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकती है ।
साइबर अपराध के अन्तर्गत गुप्त सूचनाओं को चुराना आम बात हो गई है जिसे हम हैकिंग के नाम से भी जानते हैं। हैकिंग के द्वारा अवांछित तत्व किसी भी गुप्त संदेशों जैसे-लोगिन, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नम्बर आदि को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, आज के शिक्षा प्रणाली में नकल रोकना जापान सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है। सूचना तथा तकनीकी के क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले अमेरिका को उस समय गहरा धक्का लगा जब उसे पता लगा जब उसके रक्षा एवं प्रतिरक्षा सम्बन्धित गोपनीय दस्तावेज की चोरी हो गई ।
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उपर्युक्त विचारों से ऐसा प्रतीत है कि आधुनिक विश्व पर साइबर तकनीकी का प्रभाव बढ़ता जाएगा। यूं कहें कि आधुनिक विश्व ” कागजविहीन ” होगा। सभी कार्य कम्प्यूटर द्वारा सम्पादित होंगे । आजकल तो कर्मचारी चयन प्रक्रिया भी कम्प्यूटर द्वारा हो रही है। मनुष्य की व्यापार तथा वाणिज्यिक गतिविधियाँ भी सम्पादित हो रही हैं । विश्व के भूमण्डलीकरण में सूचना तकनीकी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही है ।
लेकिन इसके नकारात्मक पक्ष से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। सूचना तकनीक ने विश्व में नए-नए अपराधो को जन्म दिया है जिससे इसके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं । अत: इन सब तथ्यों पर विचार कर हमें इस बात के लिए सोचना होगा कि विज्ञान के नवीनतम अनुप्रयोग ‘ सूचना क्रान्ति ‘ का प्रयोग किस प्रकार किया जाए, जिससे इस प्रणाली से उत्पन्न होने वाले घातक परिणामों से हमें मुक्ति मिल सके ।