दिल्ली के दर्शनीय स्थल पर निबंध | Essay on Delhi Sightseeing in Hindi!

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दिल्ली भारतवर्ष की राजधानी है । दिल्ली शहर अत्यंत प्राचीन है । अपने धार्मिक व राजनैतिक महत्व के अतिरिक्त पर्यटन की दृष्टि से भी दिल्ली अत्यंत महत्वपूर्ण है । महाभारत काल में यह इंद्रप्रस्थ के नाम से जानी जाती थी ।

इसके बाद यहाँ पर अनेक बार विदेशी आक्रमण हुए । देश भर में अनेक उलटफेर हुए । अनेक राज्यों का अस्तित्व विलीन हो गया परंतु दिल्ली सहस्त्रों वर्षों से आज भी अस्तित्व में है । भारतीय इतिहास में दिल्ली अति प्राचीन काल से ही भारत की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रही है । अत: दिल्ली को ऐतिहासिक नगरी के रूप में देखें तो कदापि अतिशयोक्ति नहीं होगी ।

पर्यटन की दृष्टि से दिल्ली अत्यंत महत्वपूर्ण है । यहाँ की अनेक ऐतिहासिक व धार्मिक इमारतें पर्यटकों के लिए विशेष महत्व रखती हैं । इसी कारण हर वर्ष लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी भारत भ्रमण विशेषकर दिल्ली दर्शन के लिए आते हैं ।

इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न राज्यों व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग प्राय: दिल्ली भ्रमण के लिए आते रहते हैं । ऐतिहासिक लाल किला, कुतुबमीनार, जामा मस्जिद, हुमायूँ का मकबरा, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट आदि का यदि अवलोकन करें तो ये सभी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर किसी न किसी विशेष घटना से जुड़े हुए हैं ।

दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला यहाँ का प्रमुख दर्शनीय स्थल है । इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने करवाया था । यह विशाल किला लाल पत्थरों से बना हुआ है । अंग्रेजी शासन काल में यह किला सबसे अधिक महत्व रखता था तथा आज भी यह उतना ही महत्वपूर्ण है ।

हर वर्ष 15 अगस्त को इसी ऐतिहासिक किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं तथा राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं । लाल किले के अंदर दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम आदि अनेक ऐतिहासिक महत्व के दर्शनीय स्मारक हैं ।

दिल्ली के केंद्र में स्थित कनॉट प्लेस को दिल्ली का हृदय कहते हैं । यह सभी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है । अंग्रेजी शासनकाल में इसका निर्माण बड़े ही योजनाबद्‌ध रूप से किया गया । यहाँ पर सभी प्रमुख व्यापारिक केंद्र हैं ।

इसके साथ ही यहाँ की चहल-पहल सदैव देखते ही बनती है । इसके केंद्र में स्थित पालिका बाजार का निर्माण हाल ही में हुआ है जो पूर्णतया भूमिगत है । इस बाजार में देश-विदेश की वस्तुएँ मिलती हैं । कानॅट प्लेस के निकट स्थित जंतर-मंतर का निर्माण समय का अनुमान लगाने हेतु करवाया गया था ।

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इसके अतिरिक्त जामा मस्जिद, पुराना किला तथा हुमायूँ का मकबरा, इंडिया गेट आदि स्मारक भी दर्शकों के लिए महत्वपूर्ण हैं । इंडिया गेट अंग्रेजों की ओर से लड़े, वीरगति को प्राप्त भारतीय सैनिकों की स्मृति में बनवाया गया था । जामा मस्जिद का निर्माण भी मुगल बादशाह शाहजहाँ के द्‌वारा करवाया गया । हुमायूँ का मकबरा निजामुद्‌दीन में स्थित है । पुराने किले के संदर्भ में लोगों का मानना है कि यह किला महाभारत काल में पांडवों द्‌वारा बनवाया गया था ।

नेहरू प्लेस स्थित ‘लोटस टेंपल’ की बनावट देखते हो बनती है । कमल की आकृति में बना हुआ यह मंदिर बहाई धर्म से संबंध रखता है जहाँ सभी धर्मों के लोग जाकर प्रार्थना कर सकते हैं । यहाँ प्रार्थना करने का एक अलग तरीका है । आगंतुक मौन होकर संपूर्ण जीव जगत् एव संपूर्ण ब्रह्‌माड में स्थित निराकार ईश्वर के प्रति प्रेम का प्रदर्शन करते हैं । इसके अतिरिक्त हिंदुओं के बिड़ला तथा छतरपुर मंदिर भी महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल हैं ।

राष्ट्रपति भवन, केंद्रीय सचिवालय व संसद भवन की इमारतें अंग्रेजी शासनकाल की प्रमुख देन हैं । राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित ‘इंडिया गेट’ आज भी उन अमर शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने द्‌वितीय विश्व युद्‌ध के दौरान वीरगति पाई थी ।

दिल्ली प्रारंभ से ही सभी क्रियाओं की केंद्र बिंदु रही है । आधुनिक युग में भी यह भारत की राजधानी के साथ ही साथ प्रमुख राजनीतिक स्थल है जहाँ पर होने वाली समस्त राजनीतिक गतिविधियों का प्रभाव पूरे देश में दिखाई देता है । इसके अतिरिक्त यहाँ सभी प्रमुख सरकारी, अर्ध सरकारी व विभागों के प्रमुख कार्यालय हैं ।

भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी यहीं पर स्थित है । शिक्षा की दृष्टि से भी दिल्ली एक प्रमुख केंद्र है जहाँ देश के ही नहीं अपितु हजारों की संख्या में विदेशी छात्र भी हर वर्ष शिक्षा ग्रहण करते हैं । छतरपुर में निर्मित मंदिरों की शोभा देखते ही बनती है । ये मंदिर आधुनिक निर्माण कला का अनुपम उदाहरण हैं । इसके अतिरिक्त हर वर्ग, भाषा, जाति व संप्रदाय के लोग यहाँ पर निवास करते हैं । सभी का खुले दिल से स्वागत करती है यह दिल्ली ।

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