हिन्दी दिवस पर निबन्ध | Essay on Hindi Day in Hindi!
1. भूमिका:
भारत एक विशाल देश है । प्राचीनकाल से यहाँ धर्म, भाषा तथा संस्कृति में विविधता होने के बावजूद भारतवासी परस्पर मिल-जुलकर रह रहे हैं । भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, परन्तु वर्तमान भारतीय संविधान में 19 प्रादेशिक भाषाओं को भारतीय भाषा के रूप में मान्यता मिली है ।
इन भाषाओं में हिन्दी भारतवर्ष में सबसे अधिक बोली जाने वाली भारतीय भाषा है । भारत स्वतंत्र होने के पश्चात् सन् 1949 में, 14 सितम्बर के दिन भारतीय संविधान में देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकृति मिली है । इसी उपलक्ष्य में हर साल 14 सितम्बर के दिन हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
2. कारण:
पूरे भारतवर्ष में हिन्दी सर्वाधिक बोली जाती है । इसे देश की 80 प्रतिशत जनता समझ सकती है अथवा अपने विचार को प्रकट कर सकती है । हिन्दी भाषा सहज सरल है । इसे संस्कृत की भगनी भी कहते हैं । हिन्दी भाषा में अनेक प्रादेशिक भाषाओं का भी अधिकाधिक शब्दों का प्रयोग होता है । उर्दू असमीया, बला, पंजाबी, गुजराती, उड़िया, राजस्थानी आदि कई भाषाओं के शब्द मिलते हैं, जिससे सभी भारतवासी के लिए सहज एवं सुबोध भाषा के रूप में हिन्दी प्रतीत होती है ।
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भारत जब अंग्रेजों के अधीन था, तब भी महामानव महात्मा गाँधी जैसे महान नेताओं ने देश की अपनी एक राष्ट्रभाषा होने की जरूरत को बड़ी गहनता से महसूस किया था । उन्होंने आजादी के साथ-साथ राष्ट्रभाषा हिन्दी के प्रचार व प्रसार पर भी बल देते थे । उन्होंने कहा है- ”राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र दूंगा होता है ।”
प्रत्येक राष्ट्र की अपनी राष्ट्रभाषा होती है । राष्ट्रभाषा के जरिए राष्ट्र की एकता, सौहार्द, भाइचारे जैसे नागरिक-कर्तव्यों का विकास होता है । इन सभी बातों पर ध्यान देते हुए भारतीय संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को देश की राजभाषा के रूप में सांविधानिक मर्यादा प्रदान की है ।
3. आयोजन:
हिन्दी दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । हिन्दी दिवस, हिन्दी सप्ताह, हिन्दी पखवाड़ा आदि कई रूपों में इस कार्यक्रम को मनाने का सिलसिला जारी है । खासकर केंद्रीय सरकार के अधीनस्थ सभी कार्यालयों, उपक्रमों, निगमों, संस्थानों में यह दिवस खूब उत्साहपूर्वक मनाए जाते हैं ।
बैंक, रेल, तेल कम्पनी, सरकारी दफ्तरें तथा संस्थानों में हिन्दी दिवस के अवसर पर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए जाते हैं । विभिन्न प्रतियोगिता, भाषण आदि कार्यक्रमों में बड़े-बड़े महानुभावों को बुलाए जाते हैं तथा हिन्दी में काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार भी दिया जाता है । सरकारी तथा गैर सरकारी सभी क्षेत्रों में हिन्दी को बढ़ावा देने हेतु पूरे सितम्बर महीने तक अनेक कार्यक्रमों द्वारा इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को स्मरण किया जाता है ।
4. उपसंहार:
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स्वतंत्र भारत की हिन्दी राजभाषा है । महात्मा गाँधी, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, काकासाहब कालेलकर जैसे महान व्यक्तियों के अथक परिश्रम के बाद ही वर्तमान हिन्दी को यह सम्मान मिला है । आजकल हिन्दी दिवस केवल दिखाने के लिए आयोजित किए जाते हैं, संविधान में जिस परम उद्देश्य से इस भाषा को मर्यादित किया गया है, वह उद्देश्य वर्तमान प्राप्त नहीं हो सका । अत: सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों में हिन्दी भाषा में सभी कामकाज करने से ही हिन्दी दिवस प्रायोगिक रूप में सफल सिद्ध होगा ।