परिवार नियोजन पर निबंध | Essay on Family Planning in Hindi!
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परिवार नियोजन अर्थात् परिवार को नियंत्रित करने की प्रक्रिया तथा इसकी महत्ता को सभी देशों ने समझा है । इसका प्रारंभ अवश्य ही ब्रिटेन से हुआ परंतु इसके पश्चात् सभी यूरोपीय देशों में वृहत् पैमाने पर इसका प्रचार-प्रसार हुआ ।
भारत जैसे देश में तो परिवार नियोजन अनिवार्य होना चाहिए । इस संदर्भ में हमारी सरकार ने अनेक योजनाएँ चलाई हैं तथा इस दिशा में विशेष रूप से कार्य भी किया जा रहा है ।
भारत की जनसंख्या बहुत ही तीव्र गति से बढ़ रही है । आज हम जनसंख्या के क्षेत्र में विश्व में चीन के पश्चात् दूसरे स्थान पर हैं । आज हम 100 करोड़ के आँकड़े को पार कर चुके हैं । यही कारण है कि इतने संसाधनों के होते हुए भी हमारी प्रगति की गति धीमी है ।
अत: परिवार नियोजन आज की आवश्यकता है । इस दिशा में यदि ठोस और सकारात्मक उपाय नहीं किए गए तो भविष्य में स्थिति अत्यधिक विकराल हो सकती है ।
भारत देश में परिवार नियोजन की महत्ता को स्वीकार करने तथा इसे लागू करने के अनेक कारण हैं:
1. आर्थिक कारण:
बढ़ती हुई जनसंख्या का सीधा प्रभाव देश की आर्थिक दशा पर पड़ता है । अनेक परिवार विपन्नता की स्थिति में आ जाते हैं क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली प्रतिस्पर्धा में वे बहुत पीछे रह जाते हैं । अत: देश को समृद्ध बनाने के लिए परिवार नियोजन अत्यधिक आवश्यक है ।
2. राष्ट्र की उन्नति:
प्रमुखत: भारत जैसे विकासशील राष्ट्र की उन्नति के लिए परिवार नियोजन अनिवार्य है । तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण सरकार के लिए सभी नागरिकों को शिक्षा, घर व भोजन की सुविधा जुटा पाना एक दुष्कर कार्य हो गया है । अनेक संसाधनों के बावजूद विकास की गति में विराम-सा लग गया है ।
3. स्त्री की शारीरिक व मानसिक दशा:
प्राय: अधिक बच्चे पैदा करने से माताएँ अस्वस्थ व कुपोषण की शिकार हो जाती हैं । दुर्बल अवस्था में उत्पन्न बच्चे भी प्राय: कमजोर होते हैं । गर्भावस्था के दौरान आराम व भोजन न मिल पाने के कारण जच्चे और बच्चे दोनों की मौत होने का खतरा भी बना रहता है ।
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परिवार नियोजन के मार्ग में अनेक बाधाएँ हैं । देश की दो-तिहाई जनसंख्या आज भी गाँवों में निवास करती है । इनमें से अनेक परिवार निर्धन एवं अशिक्षित हैं । वे आज भी अंधविश्वासों व रूढ़िगत परंपराओं में जकड़े हुए हैं । इनके अनुसार बच्चे ईश्वर की देन हैं और उस पर नियंत्रण ईश्वर की इच्छा के विरुद्ध है ।
अनेक धार्मिक मान्यताएँ भी इसकी सार्थकता में बाधक बनी हुई हैं । अशिक्षित होने के कारण वे इसकी महत्ता को समझ नहीं पाते हैं । इन्हीं कारणों से आज हमारी जनसंख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हो रही है । दूसरी ओर भारत एक प्रजातांत्रिक देश होने के नाते अपने नागरिकों पर परिवार नियोजन के कार्यक्रमों को बलात् थोप नहीं सकता है ।
परिवार नियोजन की दिशा में हमारी सरकार अपनी पूर्ण दक्षता से प्रयास कर रही है । इसके लिए देश के सभी भागों में परिवार कल्याण केंद्र स्थापित किए गए हैं जिनके माध्यम से लोगों को परिवार कल्याण से संबधित सभी जानकारियाँ उपलब्ध कराई जाती हैं ।
इसके अतिरिक्त उनमें नि:शुल्क गर्भनिरोधक सामग्री वितरित की जाती है । दूरदर्शन, समाचार-पत्र, रेडियो तथा अन्य संचार माध्यमों का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है ।आवश्यकता इस बात की है कि देश के सभी नागरिक परिवार नियोजन की महत्ता को समझें तथा इसे कारगर बनाने में सरकार को यथासंभव सहयोग दें ।
आज की स्थिति इतनी विस्फोटक है कि केवल सरकारी प्रयासों से लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है । परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता राष्ट्र की सफलता से जुड़ी हुई है अत: सभी स्तरों पर जागरूक होने की आवश्यकता है ।