ADVERTISEMENTS:

देश के त्योहार एवं उनका महत्व पर निबंध ! Essay on the Importance of Festivals in Hindi!

हमारा देश अनेकता में एकता का अद्भुत संगम है । यहाँ अनेक धर्म, भाषा, जाति व संप्रदाय के लोग इस प्रकार रहते हैं जैसे विभिन्न रंगों के पुष्पों को एक माला में पिरो दिया गया हो ।

हर एक धर्म, जाति अथवा संप्रदाय की अपनी एक सांस्कृतिक विरासत है जो भिन्न-भिन्न त्योहारों के माध्यम से प्रकट होती है । इन विभिन्नताओं को एकाकार करने में इन त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । देश में जितनी जातियाँ व संप्रदाय हैं उतने ही अनुपात में यह त्योहार भी मनाए जाते हैं । दूसरे शब्दों में, साल भर यहाँ त्योहारों का सिलसिला चलता रहता है ।

कभी-हिंदुओं की दीवाली, दशहरा या होली के रूप में तो कभी मुस्लिमों की ईद आदि के रूप में । इसी प्रकार कभी ईसा के जन्मदिवस के रूप में चहल-पहल रहती है तो कभी गुरु-नानक जयंती या फिर बैशाखी के पर्व के रूप में ढोल-नगाड़ों की थाप सुनाई पड़ती है । इन सामाजिक व धार्मिक पर्वों के अतिरिक्त हमारे राष्ट्रीय पर्व जैसे गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रत दिवस व गाँधी जयंती पूरे उल्लास व उत्साह से मनाए जाते हैं ।

ये सभी त्योहार स्वयं में एक विशिष्ट अर्थ व उद्देश्य लिए होते हैं जिसके कारण इनकी महत्ता युगों-युगों तक कायम रहती है । इन त्योहारों के माध्यम से मनुष्य व समाज की प्रकृति एवं दशा की झलक स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है ।

समाज अथवा राष्ट्र की एकता या समृद्धि की बात हो अथवा पारस्परिक मेल-मिलाप सभी में हमारे त्योहारों क्य विशेष महत्व है । समय-समय पर ये विभिन्न त्योहार मनुष्य के परस्पर भेदभाव व वैमनस्य को भुलाकर उनमें धार्मिक समन्वय व सामाजिक एकता हेतु प्रेरित करते हैं ।

त्योहारों की चकाचौंध व उल्लास के रंगों में मनुष्य की संकीर्णता व रंग एवं जाति-भेद दूर-होते चले जाते हैं । वैसे भी देखा जाए तो आजकी भाग-दौड़ भरी जिंदगी में किसी के लिए समय निकाल पाना बहुत मुश्किल कार्य है । इन परिस्थितियों में तनिक-सा भी मतभेद समयके साथ विशालकाय रूप ले लेता है । कलुषता, हीनता, कपट, व्यभिचार इन्हीं परिस्थितियों की उपज होती है ।

इन दशाओं में त्योहार एक-दूसरे के बीच की खाई को काटने का कार्य करते हैं । वे सच्चाई, निष्कपटता एवं आत्मविश्वास का वातावरण प्रदान कर लोगों में श्रेष्ठ भावनाएँ भर देते हैं । हमारे देश के इन सभी त्योहारों को मनाने हेतु क्रियाविधि में भले ही असमानता हो परंतु इन सभी त्योहारों को मनाने हेतु क्रियाविधि में भले ही असमानता हो परंतु इन सभी का मूल एक ही है ।

ADVERTISEMENTS:

ADVERTISEMENTS:

यह सभी त्योहार लोगों को एकता का संदेश देते हैं । यही कारण है कि लोग अपने त्योहारों को मनाने में आनंदतो प्राप्त करते ही हैं, उसी आनंद की अनुभूति उन्हें दूसरे धर्मों एवं संप्रदायों के त्योहारों को मनाने में भी प्राप्त होती है ।

इस प्रकार हम देखते हैं कि हमारे त्योहारों का धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक हर एक दृष्टि से विशेष महत्व है । हमारे त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत और हमारा गौरव हैं । त्योहार सामाजिक व राष्ट्रीय एकता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं । इन त्योहारों की अच्छाइयों एवं इनमें निहित उच्च आदर्शों को अपनाकर देश के नवयुवकों में उत्तम चरित्र का निर्माण किया जा सकता है ।

अत: परस्पर कटुता और दुर्भावना को भुलाकर हम इन त्योहारों को पूर्ण उल्लास व खुशी के साथ मनाएँ और सदैव प्रयास करें कि हम कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे दूसरे धर्मों के लोगों की भावनाएँ आहत होती हों । निस्संदेह परस्पर मिलकर और एक-दूसरे की अनुभूतियों को बाँटकर ही गौरवशाली भारत का निर्माण किया जा सकता है ।

भारत के त्योहारों को देखकर कोई भी यह अनुमान लगा सकता है कि इस देश की संस्कृति कृषि प्रधान है तथा यहाँ की सांस्कृतिक जड़ें बड़ी गहरी हैं । लेकिन आजकल पढ़े-लिखे समाज में त्योहारों को लेकर कम उत्साह दिखाई देता है ।

बहुत से लोग इन त्योहारों में निहित संदेश को भुला बैठे हैं और ऐसे प्रयासों से भारत का गौरव खंडित हो रहा है । अत: हमें समय निकालकर त्योहारों एवं उत्सवों में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए ।

Home››Festivals››