क्रिसमस पर निबंध / Essay on Christmas in Hindi!

क्रिसमस ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है । यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है । यह वही दिन था जब लगभग 2000 वर्ष पहले ईसा मसीह नामक एक महान संत का जन्म हुआ था । उन्हें ईसाई धर्म का जन्मदाता माना जाता है । उन्होंने मानव समुदाय को प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया था ।

क्रिसमस का पर्व पूरी दुनिया में मनाया जाता है । विश्व के जिन देशों में ईसाई धर्मानुयायी रहते हैं, वे इस त्योहार को बहुत उत्साह से मनाते हैं । वे इस दिन चर्च में जाते हैं और विशेष प्रार्थना करते हैं । वे अपने प्यारे यीशु को याद करते हैं जिन्हें किसी समय सूली पर लटका दिया गया था । पर यीशु फिर से जी उठे थे । यह सचमुच एक बड़ा चमत्कार था । इस चमत्कार के पीछे जन-कल्याण की भावना थी । यह भावना थी कि दु:खी मानव को शांति और सुख पहुँचाया जाय । जिन लोगों ने उन्हें सूली पर चढ़ाया था, उनके लिए उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की थी कि हे भगवान्! इन्हें क्षमा कर देना ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं ।

ईसा मसीह को यीशु, जीसस क्राइस्ट आदि नाम से भी जाना जाता है । इनके चमत्कार एवं उपदेशों की कथाएँ बाइबिल में वर्णित हैं । इन्होंने लोगों को आपस में प्रेम सहित, मिल-जुलकर रहने की शिक्षा दी । इन्होंने कहा था कि सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान हैं, अत : किसी को पीड़ा न दो । इन्होंने अंधों को ओखें दीं, बहरों को कान दिए, लंगड़ों को भला-चंगा कर दिया । संसार के सभी पाप अपने ऊपर ले लिए और उनके

पुण्य बाँट दिए । जिन लोगों को इनकी बातें पसंद आई वे उनके शिष्य बन गए । कुछ लोग जो अहंकारी और अज्ञानी थे, वे उनसे चिढ़ गए और उन्हें फाँसी पर लटका दिया । आज सारा संसार उन्हें आदर की दृष्टि से देखता है ।

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क्रिसमस का त्योहार खुशियाँ मनाने का त्योहार है । ईसाई कई दिन से इसकी तैयारी करते हैं । घर की साफ-सफाई होती है तथा घर सुसज्जित किए जाते हैं । घर में नए फर्नीचर खरीदे जाते हैं । क्रिसमस के दिन पहनने के लिए नए वस्त्र तैयार किए जाते हैं । दुकानों में केक और मिठाइयों के आर्डर दिए जाते हैं । घर में अतिथियों के आवागमन का सिलसिला आरंभ हो जाता है । बाजार सज जाते हैं । दिसंबर में कड़ाके की ठंड पड़ती है परंतु लोगों का उत्साह देखते ही बनता है ।

आखिर क्रिसमस का पावन दिन आ ही गया । घर में सुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई । नहा- धोकर चर्च जाने की तैयारी होने लगी । चर्च भी सजा हुआ था । वहाँ मोमबत्तियाँ जल रही थीं; लोग यीशु के सामने प्रार्थना कर रहे थे । पादरी विधिवत् पूजा-अनुष्ठान कर रहे थे । कहीं धार्मिक प्रवचन हो रहा था तो कहीं सामूहिक प्रार्थना हो रही थी । वेटिकन के पोप जनसमूह को धर्म और आस्था की बातें बता रहे थे । चर्च की घंटियाँ आज अधिक कर्णप्रिय लग रही थीं ।

घर में केक और पकवान बने । एक से बढ्‌कर एक स्वादिष्ट केक । किसी में गुलाब की खुशबू थी तो किसी में फलों की सुगंध । सब मजे लेकर खा रहे थे और मित्रों को खिला रहे थे । पड़ोसी चाहे किसी भी धर्म को माने, उनकी खुशी में शरीक हुए बिना न रह सके । सभी क्रिसमस ट्री के चारों ओर जमा हुआ । सजा हुआ क्रिसमस ट्री आकर्षक लग रहा था । यहाँ बिजली के झालर लटके थे और मोमबतियाँ जल रही थीं । बच्चे उत्साह से नाच-गा रहे थे । लोग एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएं दे रहे थे ।

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बच्चे क्रिसमस पर अपने प्यारे सांताक्लाँज को बहुत याद करते हैं । लंबे बाल, सफेद दाढ़ी और रंगबिरंगे वस्त्र पहने सांताक्लॉज क्रिसमस पर जरूर आता है और बच्चों को टार्फियाँ, गुब्बारे, मिठाइयाँ, कपड़े, जूते आदि भाँति-भाँति के पदार्थ देता है । कई लोग इस दिन सांताक्लॉज बन जाते हैं और बच्चों में कुछ-न-कुछ बाँटते हैं । बच्चे खुश होकर इनका पीछा करते हैं । बहुत ही मनोरंजक दृश्य उपस्थित हो जाता है ।

इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है । ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है । इसलिए जितना हो सके, दूसरों की मदद करो । देखा जाए तो यही संसार के अन्य सभी धर्मों का सार है । क्रिसमस के अवसर पर लोगों को ईसा मसीह के उपदेशों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए ।

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