सुबह की सैर पर निबंध / Essay on Morning Walk in Hindi!

सुबह की सैर अत्यंत आनंददायक कृत्य है । यह कार्यारंभ का सर्वश्रेस्ठ आयोजन है । यह प्रकृति से साक्षात्कार का एक सुंदर तरीका है । यह दिन भर तरोताजा रहने के लिए किया जाने वाला उत्तम उपाय है । यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा कार्य है । यह लोगों को चुस्त और तंदुरुस्त रखता है ।

सुबह हवा में ताजगी होती है । प्रकृति नई अंगड़ाई लेती प्रतीत होती है । संसार रात भर के विश्राम के बाद नई ताजगी और उमंग से युक्त होता है । प्रात: कालीन किरणों में अद्‌भुत ऊर्जा होती है । बागों में कलियाँ खिलकर फूल का रूप धारण कर लेती हैं! घास पर ओस के ठंडे कण दिखाई देते हैं । प्रकृति के अनुपम रूप की शोभा देखते ही बनती है । हजारों लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए निकल पड़ते हैं । किसान अपने खेतों की मेड़ों पर चहलकदमी करते हैं । कुछ लोग तालाब या बाग-बगीचे का चक्कर लगाते हैं । शहरों में भी अनेक पार्क हैं । यहाँ बच्चे, युवा और वृद्ध एक साथ सैर का आनंद उठाते हैं ।

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पर आलसी लोगों की बात अलग है । उन्हें सूर्योदय के समय जगने की आदत नहीं है । वे रात में देर से सोते हैं और आठ-नौ बजे तक ही उठ पाते हैं । उन्हें प्रात: काल की सैर के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं । जब उन्हें तरह-तरह की बीमारियाँ घेर लेती हैं, जब उन्हें मानसिक तनाव और परेशानियों का सामना करना पड़ता है तब उनकी नींद टूटती है । लेकिन जब जागो तभी सवेरा…..अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा इसलिए सुबह उठो, मुँह-हाथ धोओ और सैर पर निकल पड़ी । जरा सा चले नहीं कि आलस्य मिटा । थोड़ी ही देर में शरीर स्फूर्तिवान हो उठा ।

कुछ रहस्य है सुबह जागने में जो शरीर की अनेक व्याधियाँ नष्ट हो जाती हैं । पेट साफ रहता है तो चित्त में भी प्रसन्नता आती है । सैर से भूख भी अच्छी लगती है । फेफड़ों में ताजी हवा का प्रवेश होता है । शरीर का अच्छा-खासा व्यायाम हो जाता है । दिन भर मन प्रसन्न रहता है, हर काम में आनंद आता है । काम करने में थकावट कम होती है । व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ती है तो उसकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होती है ।

सुबह की सैर को निकले तो प्रकृति के नए-नए रूप के दर्शन हुए । चिड़ियों ने कलरव करते हुए लोगों का स्वागत किया । गर्मियों में ठंडी हवा के झोंकों से तन-मन पुलकित हो उठा । आसमान में उगते सूर्य को नमस्कार करके लोगों ने शक्ति के अजस्त्र श्रोत को धन्यवाद दिया । बाल अरुण को देखकर मन में उत्साह का संचार हुआ । बागों में पहुँचे तो फूलों पर मँडराती तितलियों के दर्शन हुए । कोयल ने मधुर तान छेड़ी तो कर्णप्रिय ध्वनि से मन गद्‌गद् होने लगा । कतारों में पेड़-पौधों को देखकर किसे हर्ष न हुआ होगा । हरी- भरी मखमली दूब पर पाँव रखकर किसने सुख न पाया होगा । फूलों की खुशबू से किसकी साँसों में ताजगी न आई होगी ।

थोड़ा चले, थोड़ी दौड़ लगा ली । कुछ ने खुली जगह पर हल्की कसरत कर ली । पहलवानों ने मुगदर उठा लिया । बच्चों के हाथों में बड़ी सी गेंद थी । अतिवृद्ध लाठियों के सहारे पग बढ़ा रहे थे । खिलाड़ी पोशाकें पहने अपनी फिटनेस बढ़ाने में व्यस्त थे । कुछ स्थूलकाय लोगों ने अपना मोटापा घटाने की ठान ली थी । गृहणियों ने सोचा, दिन भर घर में ही रहना है कुछ देर सैर कर ली जाए । कुछ तो एक कदम आगे बढ्‌कर योगाभ्यास में संलग्न हो गए । प्रात: काल का हर कोई अपने – अपने ढंग से लाभ उठाने लगा ।

सुबह की सैर जनसमुदाय के लिए वरदान है । यह सदा तंदुरुस्त रहने का रामबाण उपाय है । प्रात: काल सैर पर निकलना सभी उम्र के लोगों के लिए आवश्यक है । इसके बाद किसी अन्य प्रकार के व्यायाम की आवश्यकता नहीं रह जाती है । यह मनुष्य को प्रकृत्ति प्रेमी बनाने में बहुत योगदान देता है । इससे शरीर ही नहीं, शरीर में स्थित आत्मा भी प्रसन्न होती है ।

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