Hindi Story on Disguised Cat (With Picture)!
भगतबिल्ली |
किसी कमरे के एक कोने में बने बिल के सामने दो चूहे बैठे थे । अचानक उनकी नजर कमरे के दूसरे कोने पर गई । वहां एक बिल्ली आखें बंद किए बैठी थी । उसकी दुम गोल होकर उसके पंजों के गिर्द लिपटी हुई थी । उसकी मूंछें भी नीचे को लटकी हुई थीं । एक चूहा उसकी बगुला भक्ति देखकर बहुत प्रभावित हुआ ।
”यह बिल्ली तो बहुत सीधी-साधी और हानि रहित लगती है! काश, सभी बिल्लियां ऐसी ही होतीं ! मैं तो चला उससे दोस्ती करने ।” एक चूहा बोला । इस बात को सुनकर दूसरे चूहे ने उसे डांटते हुए कहा : ”क्या तुम सचमुच मूर्ख हो ! समझते क्यों नहीं कि बिल्ली हमारी प्राकृतिक शत्रु हें । अगर उसके पंजों की पहुंच में तुम आ गए तो वह तुम्हें बिल्कुल नहीं छोड़ेगी ।”
मगर दूसरे चूहे ने अपने मित्र की एक भी न सुनी और बिल्ली के पास उससे मित्रता करने पहुच गया । मगर अभी वह ‘हल्लो’ कहने ही वाला था कि बिल्ली उस पर झपट पड़ी और उसे मार कर खा गई ।
निष्कर्ष: धूर्त लोग भोली सूरत बनाकर ही दूसरों को ठगते हैं ।