Gentleman Never Flatters (with Pictures)!
सज्जन व्यक्ति चापलूस नहीं होता |
एक चोर था । वह बहुत चालाक था । वह कभी भी चोरी करता हुआ नहीं पकड़ा गया था । वह बहुत फुर्तीला भी था । एक रात वह चोरी करने गया । अंधेरी रात थी । चारों तरफ सन्नाटा था । उसने एक बड़े-से घर में चोरी करने का इरादा किया । वह दीवार फांदकर घर के आंगन में कूद गया । उस घर के मालिक ने एक कुत्ता पाल रखा था ।
कुत्ता बहुत ही स्वामीभक्त था । वह रात-भर जागकर घर की निगरानी करता । जैसे ही चोर घर के आंगन में कूदा, कुत्ता भौंकने लगा । चोर तो रोज ही ऐसे कुत्तों से भुगतता था । वह जानता था कि कुत्ते के कारण उसका काम नहीं बनेगा । ऐसे समय के लिए वह अपने पास मांस के टुकड़े रखता था ।
”ले भई, मैं तेरे लिए कितनी अच्छी चीज लाया हूं ।” उसने मांस के टुकड़े कुत्ते के सामने फेंकते हुए कहा- ”तू इन्हें खा और चुप हो जा । तेरे भौंकने से तेरे मालिक की नींद खराब हो रही है ।” कुत्ते ने चुपचाप मांस के टुकड़े खा लिए । चोर खुश था कि उसकी रिश्वत खाकर कुत्ता चुप हो गया था, परंतु यह क्या! कुत्ता तो फिर गुर्राने लगा ।
”यह क्या? यह तो कृतध्नता है ।” चोर नाराज होकर बोला- ”मैंने तुझे स्वादिष्ट मांस खिलाया । तू मुझ पर ही भौंक रहा है ।” ”मूर्ख आदमी!” कुत्ता बोला- ”मैं तुझे देखकर समझ गया था कि तू अच्छा आदमी नहीं है । तूने मुझे रिश्वत देकर फुसलाना चाहा, इससे पता चलता है कि तू वास्तव में ही अच्छा आदमी नहीं है । अच्छा आदमी कभी चापलूस नहीं होता । भाग जा यहां से ।”
चोर हक्का-बक्का रह गया । ”तू मुझे और मांस खिला या कितना भी पुचकार, मैं अपने कर्तव्य से पीछे न हटूँगा । मैं शोर करता ही रहूंगा ।” अब चोर ने वहां से भागने में ही अपनी भलाई समझी । इस तरह उस चापलूस चोर का कुछ भी भला नहीं हुआ ।
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सीख:
बच्चो! चापलूसी से कभी भला नहीं होता । सज्जन व्यक्ति चापलूसी नहीं करते । जो चापलूसी करता है वह स्वार्थी होता है । इस तरह हमें चापलूस लोगों और चापलूसी से बचना चाहिए ।