Hindi Story on a Peacock and a Crane (With Picture)!
मोर और सारस |
एक मोर और सारस में बहुत गहरी मित्रता थी । वे हमेशा साथ-साथ घूमते थे । एक बार मोर बहुत प्रसन्न मुद्रा में था । वह सारस का मजाक उड़ाने लगा : ”मित्र, मेरे लाजवाब पंखों और रंग-बिरंगी पूँछ को देखो । मैं कितना सुंदर दिखता हूं ।
क्या मैं रूपवान नहीं दिखता ? अब जरा खुद को देखो । तुम तो बिकुल ही सुदर नहीं हो । सिर से पैर तक तुम्हारा एक ही रंग है ।” यह कहकर मोर सारस की हंसी उड़ाता हुआ नाचने लगा । सारस को यह बात पसंद नहीं आई । उसे मोर के इस व्यवहार पर आश्चर्य हुआ । वह समझता था कि मोर तो उसका दोस्त है ।
तब सारस ने कहा : ”मित्र, इसमें कोई शक नहीं कि तुम्हारे पंख और पूंछ देखने में बहुत सुदर हैं । तुम दूसरों को अपना नृत्य दिखा कर प्रसन्न कर सकते हो । मगर मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि तुम्हारे सुंदर पंख और पूंछ किसी काम के नहीं हैं ।
तुम उड़ नहीं सकते । मुझे देखो मैं आकाश में ऊचा उड़ सकता हूँ ।” इतना कहकर सारस ने अपने पंख फड़फड़ाए और आकाश में उड़ गया । आकाश में पहुंच कर वह दुबारा बोला : ”मित्र, आओ, अपने पंखों का उपयोग करते हुए मेरे साथ उडो ।” परंतु भला मोर कैसे उड़ता ।
निष्कर्ष: घमंड सुंदरता पर नहीं योग्यता पर करो ।