Hindi Story on ‘Four Guards’ (With Picture)!
चार चौकीदार |
एक राजा था । उसके राज्य में कभी भी उपद्रव नहीं होते थे । प्रजा बहुत सुखी थी । उसके राज्य से सटा एक दुसरे राजा का छोटा-सा राज्य था, लेकिन उसमें आए दिन लड़ाई-झगड़े होते रहते थे । लोग आपस में लड़ते रहते थे ।
उसकी प्रजा बहुत ही दुखी थी, जिसकी वजह से राजा भी बहुत परेशान था । एक दिन वह राजा दूसरे राजा के पास आकर बोला : “मेरा छोटा-सा राज्य है पर उसमें आए दिन उत्पात होते रहते है । आपका राज्य इतना बड़ा है फिर भी यहां पूर्ण शांति है इसका कारण क्या है ?” राजा हंसते हुए बोला-आप ठीक कहते हैं ।
मेरे राज्य में बड़ा चैन है । उसका कारण यह है कि मैंने अपने यहां चार चौकीदार तैनात कर रखे हैं, जो हर घड़ी मेरी रक्षा करते रहते हैं । दूसरे ने कहा : “बस चार, मेरे यहां तो चौकीदारों की फौज है, पर इसका कोई फायदा नहीं, फिर आपका काम चार चौकीदारों से कैसे चल जाता है ?”
राजा बोला : “जी, मेरे रक्षक दूसरी तरह के हैं ।” ”कैसे?” दूसरे राजा ने उत्सुकता से पूछा । राजा ने उत्तर दिया : “पहला रक्षक है सत्य । वह मुझे असत्य नहीं बोलने देता ।” ”और दूसरा ?” राजा बोला: “दूसरा है प्रेम । वह मुझे घृणा से बचाता है ।”
”तीसरा ?” राजा बोला: “तीसरा है न्याय । वह मुझे अन्याय नहीं करने देता ।” “और चौथा ?” राजा ने गंभीर होकर कहा: “चौथा है त्याग । वह स्वार्थी होने से मेरी रक्षा करता है ।” राजा की शंका का समाधान हो गया । जिस राजा के सत्य, प्रेम, न्याय और त्याग, जैसे चौकीदार होते हैं, उसे कोई परेशानी नहीं हो सकती ।