Hindi Story on Secure Yourself before Advising (With Picture)!

सलाह देने से पहले अपनी सुरक्षा |

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एक बार एक उकाब ने एक खरगोश का पीछा किया । खरगोश आड़ा-तिरछा दौड़ता हुआ किसी प्रकार घनी झाड़ियों में पहुंच कर दुबक गया । उसकी जान बच गई । उसका दिल अभी तक धड़क रहा था । वह अभी संभल ही रहा था कि तभी उसने एक गौरेया को कहते सुना: ”हे खरगोश ! इतना भयभीत क्यों होते हो ?

उकाब से इतना घबराने की क्या जरूरत है ! मुझे देखो, मैं कितनी छोटी हूं फिर भी उकाब से नहीं डरती । तुम इतने बड़े होकर भी उकाब से डरते हो । बड़े शर्म की बात है ।”उकाब अभी भी खरगोश को तलाश रहा था । चूंकि खरगोश झाड़ियों के बीच छुपा हुआ था ।

इसलिए वह उसे नहीं देख पा रहा था । मगर उसने गौरैया को डाल पर बैठे और चहचहाते देख लिया था । गौरैया अभी बढ़-चढ़कर बातें कर ही रही थी कि उकाब उस पर किसी आधी की तरह झपटा और उसे अपने मजबूत चंगुल में दबाकर उड़ गया । ‘मूर्ख ! मुझे सलाह दे रही थी, अपनी चिन्ता नहीं थी ।’ खरगोश ने सोचा और किसी सुरक्षित स्थान की ओर दौड़ पड़ा ।

 

निष्कर्ष: अपनी सुरक्षा न करके दूसरों को सलाह देने वाले यूं ही मरते हैं ।

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