Hindi Story on Swallow Warning!
अबाबील की चेतावनी |
एक बार पक्षियों का एक झुण्ड किसी खेत के ऊपर से उड़ता हुआ जा रहा था । उसी झुण्ड में एक अबाबील भी थी । कहते हैं कि अबाबील एक दूरदर्शी पक्षी है । पक्षियों ने किसान को खेत में बीज बोते देखा ।
दूसरे पक्षियों ने उस ओर ध्यान नहीं दिया, जबकि अबाबील नीचे उतरी और किसान के सभी कार्यों को बहुत ध्यान से देखने के पश्चात दोबारा उड़कर पक्षियों से जा मिली । कुछ दूर उड़ने के बाद वह दूसरे पक्षियों से बोली : ”क्या तुम लोगों को मालूम है किसान क्या बो रहा था ?”
सारे पक्षियों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं जानते । तब अबाबील बोली : ”वह सन पौधों के बीज बो रहा है, जिनसे रस्सियां और धागे बनाए जाते हैं । इन्हीं से पक्षी और मछलियां फंसाने के जाल भी बनते हैं । बहेलिए इन्हीं जालों का प्रयोग करते हैं ।
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अच्छा होगा कि हम इन सभी बीजों को उनके पौधे बनने से पहले ही खेत से निकाल दें ।” ”अरे भाई! क्या जल्दी है ?” सभी पक्षी बोले : ”हमारे पास तो अभी बहुत समय है ।” इस प्रकार पक्षियों ने अबाबील की बात नहीं मानी । बीज में अकुर फूट आए । फिर भी पक्षी खेतों में नहीं उतरे ।
धीरे-धीरे दिन बीतते गए और बीजों से पौधे और पौधों से हरी पत्तियां फूटने लगीं । उस बुद्धिमान अबाबील ने एक बार फिर पक्षियों को चेतावनी देते हुए कहा : ”अभी भी समय है : आओ हम सब चलकर खेत की फसल नष्ट कर दें ।” मगर इस बार भी पक्षियों ने अबाबील की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया ।
अंत में थक-हारकर अबाबील किसी दूसरे नगर में रहने चली गई । कुछ ही दिनों बाद किसान के खेतों में सन की फसल तैयार हो गई । फसल काटी गई और जैसा अबाबील ने बताया था-उनसे रस्से और जाल बनाए गए ।
बहुत से पक्षी इन जालों में फंस गए । तब पक्षियों ने यह महसूस किया कि अबाबील ने किस प्रकार आरंभ में ही इस मुसीबत को जड़ से उखाड़ फेंकने की सलाह दी थी, मगर पक्षियों ने उस सुझाव को नहीं माना था । अब तो बहुत देर हो चुकी थी ।
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निष्कर्ष: अपने से छोटों की नेक सलाह भी मान लेनी चाहिए ।