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गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) | Republic Day in Hindi!
भारत की भूमि पर अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक त्यौहार मनाए जाते हैं । लेकिन कुछ पर्व ऐसे होते हैं जिन का सम्बन्ध सम्पूर्ण राष्ट्र और वहाँ के निवासियों से होता है । ऐसे राष्ट्रीय पर्व हैं- स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस ।
15 अगस्त 1947 को भारत मात्र स्वतंत्र हुआ था क्योंकि अंग्रेजी सरकार के प्रतिनिधि के रूप में लार्ड माउण्टबेटन भारत में गवर्नर जनरल के रूप में पदासीन रहे । 26 जनवरी 1950 को भारत का अपना नया संविधान लागू किया गया ।
उसकी अपनी सरकार, अपना राष्ट्रपति, अपना तिरंगा हो जाने पर भारत विश्व का सबसे बड़ा सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतन्त्रात्मक गणतंत्र बना जिसके शासन की बागडोर राष्ट्रपति के रूप में डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद ने सम्भाली ।
25 जनवरी की संध्या पर राष्ट्रपति, राष्ट्र के नाम सन्देश प्रसारित करते हैं, जो रेडियो और दूरदर्शन पर हिन्दी और अंग्रेजी में प्रसारित होता है । सुबह सर्वप्रथम प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर जाकर अनाम शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं । प्रात: नौ बजे राष्ट्रपति की सवारी विजय चौक पर आती है । तब प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और भारतीय सेना के तीनों अंगों के अध्यक्ष राष्ट्रपति का स्वागत करते है ।
तिरंगा झण्डा फहराने के साथ ही तीनों सेनाओं की टुकडियाँ सलामी मंच की ओर बढ़ आती हैं । बैंड पर सैनिक राष्ट्रीय धुन बजाते हैं । घोड़ों, ऊँटों पर सवार सैनिकों के दस्ते आते हैं । भारत में निर्मित टैंक, तोपों, बख्तर बन्द गाडियों, राकेट युक्त जीप आदि प्रदर्शित की जाती है ।
जिससे भारत की सुरक्षा व्यवस्था का अंदाजा लगाया जाता है । स्कूल के बच्चे तरह-तरह के नृत्य, व्यायाम और करतब प्रस्तुत करते हैं । विविधता में एकता को प्रदर्शित करती हुई राज्यों की झाकियां निकलती हैं । जिनमें उस राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक झलक होती है ।
भिन्न-भिन्न राज्यों की नृत्य मण्डलियाँ अपने-अपने नृत्य प्रस्तुत करती हुए सलामी मंच से आगे बढ़ जाती हैं । इन सब कार्यक्रमों को देखकर ऐसा लगता है, मानो आज स्वर्ग धरती पर उतर आया हो । वीरतापूर्ण कार्य करने वाले बच्चों की सवारी हाथियों पर आती है । बैठे हुए दर्शक हाथ हिला-हिलाकर उनका स्वागत करते हैं । दर्शक भी 26 जनवरी की परेड को देखने के लिए प्रात: छ: बजे से आने शुरू हो जाते हैं ।
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नौ बजे तक चारों ओर दर्शकों की अच्छी भीड़ जमा हो जाती है । साढ़े ग्यारह बजे लाल किला पर पहुँचकर परेड समाप्त हो जाती है । धरती पर कार्यक्रम समाप्त होते ही आकाश में कार्यक्रम प्रारम्भ हो जाते हैं । कुछ वायुयान आकाश से फूलों की वर्षा करते हैं । कुछ वायुयान आकाश में इन्द्रधनुष बनाकर उड़ जाते हैं ।
सभी राज्यों में गणतंत्र दिवस धूम-धाम से मनाया जाता है । वहाँ पर राज्यों के राज्यपाल सलामी लेते हैं और प्रान्तीय वेशभूषा में नृत्य गायन होते हैं । विद्यालयों के बच्चे भी तरह-तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं । गणतंत्र दिवस का दिन भी अनूठा होता है और रात भी ।
रात को सरकारी कार्यालयों पर रोशनी की जाती है । राष्ट्रपति भवन, राजकीय भवन, सचिवालयों पर विद्युत चालित प्रकाश किया जाता है । जो देखते ही बनता हैं । राष्ट्रपति रात को देशी और विदेशी अतिथियों को रात्रि भोज देते हैं ।
इस दिन सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं बन्द रहती हैं । विद्यालयों और कॉलेजों में एक दिन पहले रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है । तरह-तरह की खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं और यात्रा में मिठाइयां बांटी जाती है ।
देश के अमर शहीदों को याद करते हुए हमें सोचना चाहिए कि हमने क्या खोया और क्या पाया है । और हम क्या पाना चाहते हैं । अपनी योजनाओं का सफलता से लक्ष्य तक पहुँचाते हुए राष्ट्र की सेवा में सहयोग देना चाहिए और उसकी एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए ।