भारत की राजधानी–दिल्ली पर निबंध ! Essay on Capital of India – Delhi in Hindi

दिल्ली ऐतिहासिक नगरी है । यह भारतीय सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी थी । बाद में यह मुहम्मद गौरी के नियंत्रण में आ गई । मुगलकाल में भी यह नगर महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक केन्द्र था । अंग्रेजों ने सन् 1911 में कोलकाता के स्थान पर दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया । 1947 ई. में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् यह भारत की राजधानी बनी । आज नई दिल्ली भारत की राजधानी है । यह यमुना नदी के तट पर बसी हुई है ।

आज दिल्ली एक आधुनिक भव्य नगर का रूप ले चुकी है । यहाँ अनेक भव्य इमारतें और चौड़ी सड़कें हैं । सड़क परिवहन के अलावा यहाँ रेल परिवहन और वायु परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था है । इक्कीसवीं सदी की आवश्यकताओं को देखते हुए

वातानुकूलित एवं स्वचालित मैट्रो रेल की स्थापना की गई है । इससे स्थानीय यात्रा में लगनेवाले श्रम, समय एवं धन की बचत होती है । दिल्ली के बाजार भी बड़े भव्य हैं । बड़े-घड़े मॉल्स शहर की रौनक बढ़ाते हैं । सुपर बाजारों की संख्या भी दिनोदिन बढ़ती जा रही है । लोगों के निवास के लिए बहुमंजिली इमारतें बनाई गई हैं ।

देश की राजधानी होने के कारण यहाँ भारत सरकार के सभी प्रमुख कार्यालय हैं । देश की राजनीतिक व्यवस्था का प्रमुख केन्द्र संसद भवन है । पास ही अनेक कार्यालय हैं । राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय एवं निवास है । यह बहुत आकर्षक भवन है । यहाँ विदेशी राष्ट्रप्रमुखों का स्वागत किया जाता है । उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है । यहीं पर प्रसिद्ध मुगल उद्‌यान है जिसे बसंत ऋतु में आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है । इस उद्‌यान का प्रमुख आकर्षण गुलाब का पुष्प है जो यहाँ विभिन्न किस्मों में पाया जाता है ।

राष्ट्रपति भवन की सीध में इंडिया गेट परिसर है । इंडिया गेट भारत के शहीदों को समर्पित है । यहाँ भारत के लिए प्राण अर्पित करने वाले शहीदों के सम्मान में रात-दिन ज्योति प्रज्वलित रहती है । महत्त्वपूर्ण अवसरों पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं रक्षा मंत्री यहाँ आते हैं तथा राष्ट्र की ओर से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।

राजधानी दिल्ली में अनेक दर्शनीय स्थल हैं । यहाँ शाहजहाँ द्वारा निर्मित लाल किला और जामा मस्जिद बहुत प्रसिद्ध है । लालकिला एक भव्य किला है जिसे लाल बलुए पत्थर से बनाया गया था । इसके भीतर संग्रहालय, दीवाने आम, दीवाने खास जैसी सुंदर इमारतें हैं । जामा मस्जिद भी बहुत आकर्षक है । पर्यटक इन स्थानों को देखने बड़ी संख्या में आते हैं ।

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दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार भारत की सबसे ऊँची प्राचीन मीनार है । यह भारत की राष्ट्रीय धरोहर है । इसमें की गई कलाकारी बहुत आकर्षक है । पास ही मौर्यकालीय लौह स्तंभ है । इसकी विशेषता यह है कि इसमें कभी जंग नहीं लगता ।

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दिल्ली में कमल मंदिर, पुराना किला, हुमायूँ का मकबरा, बिड़ला मंदिर, छतरपुर मंदिर, जंतर-मंतर, चिड़ियाघर, अप्पुघर जैसे अनेक दर्शनीय स्थान हैं । कमल मंदिर में सभी धर्मों के लोग शांत बैठकर परमात्मा का ध्यान लगा सकते हैं । पुराने किले में पांडव काल के अवशेष देखे जा सकते हैं । छतरपुर मंदिर आधुनिक वास्तुकला का अच्छा नमूना है । जंतर-मंतर राजा जयसिंह द्वारा बनाई गई वेधशाला है । दिल्ली स्थित चिड़ियाघर में अनेक प्रकार के दुर्लभ पशु-पक्षियों के दर्शन होते हैं । अप्पुघर चिड़ियाघर के पास ही है । यह बच्चों की आकर्षक सैरगाह है ।

दिल्ली को उद्‌यानों की नगरी कहा जाता है । यहाँ हर मोहल्ले में पार्क एवं उद्‌यान हैं । ये दिल्ली को हरा- भरा रखने में बहुत मदद करते हैं । ग्रीष्म ऋतु में जब यहाँ अत्यधिक गर्मी पड़ती है, पेड़ तापमान को नियंत्रित करने में बहुत मदद करते हैं ।

दिल्ली की आबादी बहुत घनी है । यहाँ सवा करोड़ से अधिक लोग रहते हैं । उत्तर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग प्रतिवर्ष यहाँ रोजी-रोटी की खोज में आते हैं । आबादी के बढ़ने से दिल्ली के उपनगरीय क्षेत्र बढ़ रहे हैं । दिल्ली लगातार फैलती जा रही है । इतनी बड़ी आबादी के लिए बिजली, पानी, सड़क, परिवहन आदि का प्रबंध कर पाना सचमुच एक चुनौतीपूर्ण कार्य है । जनसंख्या है तो प्रदूषण की समस्या भी है । वाहनों की अत्यधिक संख्या तथा कूड़े-करकट के ढेर प्रदूषण के मुख्य कारण हैं ।

दिल्ली को ‘ लघु भारत ‘ कहा जा सकता है । यहाँ भारत के कोने-कोने से आए बहुधर्मी और बहुभाषी लोग रहते हैं । सभी लोग मिलजुल कर तथा आपस में भाईचारा बनाकर रहते हैं । लोग एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं । दीपावली, दशहरा, होली, बैशाखी, ईद आदि यहाँ के मुख्य त्योहार हैं । दिल्ली की समृद्धि भारत की समृद्धि की ओर संकेत करती है ।

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