मेरा भारत महान पर निबन्ध | Essay on My Great Country: India in Hindi!
मेरा कृषि प्रधान भारत महान है । जहाँ पुरातन युग में यह आर्यावत नाम से पुकारा जाता था, वहाँ सोने की चिड़िया नाम से भी अपनी पहचान बनाए हुआ था । यहाँ के वासी आर्य कहलाते थे । महाप्रतापी राजा दुष्यंत के महावीर पुत्र भारत के नाम पर ही मेरे देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है ।
सम्पूर्ण विश्व को मेरे भारत पर गर्व रहा है । मेरे भारत का शासक चक्रवर्ती सम्राट कहलाता था । यहाँ की सभ्यता और संस्कृति विश्व की संस्कृतियों की जननी रही है। यह नागराज का हिमकिरीह धारण किए हुए है ।
हिमालय से निकली शुद्ध-निर्मल जल की धाराओं से गंगा, यमुना, सतलज, कृष्णा, कावेरी, ब्रह्मपुत्र आदि अनेक नदियों का निर्माण हुआ है । इसकी पर्वत धरा असंख्य खनिज पदार्थो को अपनी गोदी में समेटेहुए है । कश्मीर, नैनीताल, शिमला, कुल्लू, मनाली और दार्जिलिंग आदि प्राकृतिक रमणीय स्थानों ने इसे स्वर्ग से अधिक सुंदर बना दिया है ।
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राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने अहिंसा और सत्याग्रह सरीखे अमोघ अस्त्रों के द्वारा उसे 15 अगस्त सन् 1947 ई. को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराया । यह दो हिस्सों में बंट गया । इसका दूसरा हिस्सा पाकिस्तान में है । इस विभाजन से मेरे भारत को बहुत क्षति पहुँची । नरसंहार में लाखों स्त्रियाँ की मांग का सिंदूर पोंछ दिया गया ।
बच्चों को अनाथ बना दिया गया । वैभव सम्पन्न परिवार भी शरणार्थी बन गए । देशअसंख्य समस्याओं से घिर गया था जिनमें से 45 वर्षों के अन्तराल में अधिकांश समस्याओं का समाधान हो चुका है । शेष के समाधान के लिए प्रधानमंत्री जी लगे हुए हैं ।
इस समय मेरा भारत 100 करोड़ संतानों को अपने कलेजे से लगाये हुए है । इसका क्षेत्रफल भी अपने परिवार के लिए छोटा पड़ रहा है । इसकी संतानों ने विभिन्न धर्म अपनाए हुए हैं, इसलिए यह धर्म-निरपेक्ष कहलाता है । 26 जनवरी, 1950 से इसने अपना संविधान लागू किया है । इसके संघ में 25 राज्य और 7 केन्द्र शासित क्षेत्र हैं। यह विज्ञान के क्षेत्र में छठे स्थान पर है और अणुशक्ति में सक्षम है ।
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हिन्दी इसकी राष्ट्रभाषा है । वंदेमातरम् राष्ट्रीय गीत के रूप में और जन-गण-मन राष्ट्रीय गान के रूप में गाया जाता है । मेरे भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पशु बाघ है । हमारे राष्ट्रपति का चिह्न तुला है जो न्याय का प्रतीक है । इसका भविष्य इक्कीसवीं सदी में और उज्जल है ।
मेरे देश ने काफी प्रगति की है । इसमें लोकतंत्र का विकास हुआ है । यहाँ पर आय में वृद्धि हुई है इसके अलावा निर्यात में वृद्धि औद्योगिक उत्पादन और कृषि उत्पादन में दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति से हमेंसम्बल मिला है । हममें आत्मनिर्भरता की भावना घर कर गई है । आज देश में उत्तम शिक्षण व्यवस्था है । हम देश की रक्षा करने में सक्षम हैं ।