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ऐतिहासिक स्थल – ताजमहल पर निबन्ध | Essay on Taj Mahal in Hindi!

आगरा नगर में यमुना नदी के किनारे पर स्थित ताजमहल एक विश्व प्रसिद्ध इमारत है । अपनी सुन्दरता एवं भव्यता के कारण यह विश्व के सात आश्चर्यों में से एक है। इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की स्मृति में बनवाया था ।

इसकी वास्तुकला हिन्दु-मुस्लिम संस्कृति का मिला-जुला आदर्श है । दुनियाँ के कोने-कोने से पर्यटक ताजमहल को देखने के लिए आते हैं । ताजमहल देखकर वे मंत्रमुग्ध रह जाते हैं । यह स्मृति चिह्‌न हर दृष्टिकोण से कोमल एवं कमनीय है ।

चाँदनी रात में इसकी सुन्दरता और भी बढ़ती हैं श्वेत स्फटिक पर बिखरी हुई चाँदनी इसकी छटा को निखार देती है । शरद पूर्णिमा के दिन जबकि चारों ओर दुग्ध धवलचाँदनी प्रकाशित होती है, इसे देखने के लिए मेला लग जाता है, रातभर यहाँ चहल-पहल रहती है ।

लाल पत्थरों के ऊँचे आधार पर यह भवन बना हुआ है । इसके मुख्य भाग के चारों कोनों पर ऊंची-ऊंची चार मीनारें बनी हुई हैं । चारों मीनारों के मध्य इसका विशाल गुम्बद इसकी सुन्दरता को निखारता है । सामने बड़े – बड़े घास के मैदान हैं । उनके मध्य से लम्बा सा भाग है, जिसमें सुन्दर-सुन्दर पेड़ और फव्वारे लगे हुए हैं ।

फुब्बारों का दृस्य इसकी शोभा को मनमोहक बनादेता है । इसके पीछे यमुना नदी बहती है, जिसकी प्राकृतिक छटा भी ताजमहल के सौंदर्य में पर्याप्त वृद्धि करती है । संगमरमर से बना यह विशाल भवन अपने आप से ही सुन्दरता में अद्वितीय है ।

ताजमहल के मुख्य गुम्बद के नीचे दो कब्रें बनी हुई हैं । ये कब्रें मुमताजमहल और शाहजहाँ की हैं। पर ये कब्रें असली नहीं हैं । ये तो कृत्रिम हैं । इनके नीचे एक तलघर है, उसमें जाने पर ही असली कब्रें देखी जा सकती हैं । श्रद्धालु पूरे सम्मान के साथ नीचे जाकर उन्हें देखते है । शेष लोग ऊपर की कब्र देखकर ही सन्तोष कर लेते हैं ।

कहते हैं कि इसके निर्माण के लिए संगमरमर का पत्थर राजस्थान से लाया गया था। प्रतिदिन बीस हजार शिल्पी और मजदूर काम करते थे । इसके निर्माण में वाईस वर्षों का समय लगा । उस समय के तीनकरोड़ रुपए इसके निर्माण दर व्यय किए गए थे। अनुमान कीजिए आज उतने मूल्यों का मूल्य कितना होगा ।

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आज लोग प्रश्न करते है कि शाहजहाँ जैसे सम्राट ने ताजमहल बनवाने में गरीब जनता का शोषण करके इतना रुपया क्यों नष्ट किया पर यह मानवीय प्रेम का स्मारक है । संगमरमर में तराशा यह स्वप्न एक शहंशाह के प्रेम का स्मृति चिह्‌न है ।

इसका उत्तर भी दिया जाता है । समर्थ जनता से कर के रूप में प्राप्त यह रुपया कलाकारों, शिल्पियों एवं मजदूरों पर ही व्यय किया गया । यह धन किसी विदेशी को नहीं दिया गया । देश के गरीब मजदूरों की बाईस वर्ष तक जीविका निर्वाह का यह साधन बना ।

ताजमहल की अपूर्व सुन्दरता से कोई इन्कार नहीं कर सकता । उस समय इस भवन में हीरा, पन्ना, सोना आदि स्थान-स्थान पर जड़े गये थे । अंग्रेजों के शासनकाल में उनको निकाल लिया गया । वह धनइंग्लैण्ड भेज दिया गया । कहीं-कहीं उसकी झलक खाली स्थानों के रूप में अब भी दिखाई दे जाती है ।

आजकल ताजमहल की व्यवस्था पुरातत्व विभाग के नियन्त्रण में चलती है । इसमें प्रवेश के लिए टिकट की व्यवस्था है । इसमें प्रवेश के लिए टिकट की व्यवस्था है। ताजमहल में प्रवेश की केवल सायं पाँच बजे तक ही अनुमति है । रात को प्रवेश वर्जित किया गया है ।

टिकटों की बिक्री से प्राप्त धन से इसके परिसर को सुंदर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं । इतनी भव्य इमारत को प्रदूषण से बचाने की आवश्यकताहै। इसके लिए इसके चारों ओर घने वृक्षों को लगाने की योजन पर कार्य चल रहा है । ये वृक्ष समीप के कल कारखानों से निर्गत प्रदूषण का शोषण करके ताजमहल की रक्षा दीर्घकाल तक कर सकेंगे ।

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