चोरों से मुठभेड़ की एक उत्तेजक घटना पर अनुच्छेद | Paragraph on An Exciting Moment With a Thief at Night in Hindi
प्रस्तावना:
मेरा एक मित्र दिलावर सिंह है । वह बडा निडर और बहादुर व्यक्ति है । वह पक्का शिकारी भी है । उसके पास बन्दूक का लाइसेन्स है । वह सोते समय अपनी बन्दूक हमेशा अपने पास रखता है । एक दिन रात के समय वह अपने घर की छत पर सो रहा था ।
एकाएक उठते हुए शोर और चीख-पुकार सुनकर उसकी आख खुल गइ । खाट पर बैठकर उसने स्थिति को समझने का प्रयास किया । उसने देखा कि आवाजे उसके पड़ोस के मकान के भीतर से आ रही थीं । उसे ‘चोर-चोर’ की आवाजे सुनाई दीं । साथ ही औरतो और बच्चों की चीख-पुकार और सिसकियों भी सुनाई दे रही थीं ।
दिलावर सिंह का दुस्साहस:
दिलावर सिंह ने सोचने मे अधिक समय नही लगाया और कर्त्तव्य निश्चित कर लिया । वह विस्तर से एकदम उठा, अपनी बन्दूक सम्भाली, गोलियों की पेटी बगल में टाँगी और पड़ोसियों की सहायता को निकल पड़ा ।
जब वह अपने मकान से सड़क पर आया, तो उसने पाया कि सड़क पर कोई व्यक्ति नही था । उसे देखकर बड़ा दुःख हुआ कि अन्य सभी पड़ोसी अपनी-अपनी छतों पर खडे तमाशा देख रहे थे । वे डरे हुए और बेबस से लग रहे थे ।
किसी में नीचे उतरने की हिम्मत नही थीं । मकान में दो चोर घुसे हुए थे । उन्होंने अदर से मकान का दरवाजा बन्द कर लिया । बाहर से जो चीख-पुकार सुनाई दे रही थी, उससे स्पष्ट था कि भीतर चोरो और मकान के लोगो के बीच सघर्ष चल रहा है ।
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दरवाजे को बन्द देख दिलावर एक अन्य मकान की छत पर चढकर उस मकान की छत पर कूद पड़ा । उसने अपनी जान की परवाह नहीं की और दनदनाता हुआ बन्दूक ताने ललकारता हुआ एकदम उस कमरे मे पहुँच गया, जहाँ चोर थे ।
उसे बन्दूक के साथ देखकर चोरो ने भागने का प्रयास किया । दिलावर बडा अच्छा निशानेबाज है । उसने चोरो को भागते देख एक चोर पर निशाना लगाकर गोली दाग दी । वह वहीं ढेर हो गया, लेकिन जय तक वह दूसरी गोली चला पाता, एक चोर भाग निकला । वह भी चोर का पीछा करते हुए भागने लगा और काफी दूर तक पीछा करता रहा । आखिर में चोर एक खड़े गन्ने के खेत में घुसकर छिप गया ।
चोर कैसे पकड़ा गया ?
अब तक बहुत-से अन्य लोग भी खेत तक पहुँच गए थे । दिलावर सिंह ने उनरने खेत को चारों ओर से भली-भाँति घेर लेने को कहा । इसके बाद बन्दूक ताने, दिलावर सिंह चोर की तलाश में खेत में घुस गया । बन्दूक की नाली से जगह बनाते हुए वह चोर की तलाश करने लगा ।
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थोड़ी देर में खेत त्हे बीज में दिलायर की निगाह चोर पर पड़ गइ । चोर ने जब दिलावर को अपनी ओर आते दैरपा, तो उसने दिलावर पर एक छलाग लगा दी । दिलाकर की बन्दूक हाथ से छिटक कर दूर जा गिरी । दिलावर अखाड़ेबाज था । उसने थोड़ी-सी हाथापाई के बाद उसे जमीन पर गिरा दिया और उसकी छाती पर चढ़ बैठा ।
उपसहार:
इस समय तक कुछ लोगों ने पुलिस को खबर कर दी थी । पुलिस बल घटना स्थल पर पहुँच गया और उस चोर को पुलिस के हवाले कर दिया गया । सरकार ने दिलावर सिह को उराकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया और पुरस्कार प्रदान किया ।