छुट्टियों के दौरान सैर पर अनुच्छेद | Paragraph on A Holiday Trip in Hindi

प्रस्तावना:

पिछली दुर्गा-पूजा की छुट्टियों के दौरान मैने अपने छ: साथियों के दौरान सैर के साथ सैर पर बाहर जाने का इरादा किया । हमारे स्कूल में दस दिन के लिए अवकाश था । हम ऐसी यात्रा पर निकलना चाहते थे, जिसमें हमें आनन्द भी मिले तथा कुछ न कुछ हमारे ज्ञान में भी वृद्धि हो ।

स्थान का चुनाव:

हमें सैर के लिए स्थान चुनाव करना था । हम ऐसे स्थान की यात्रा करना चाहते थे, जहाँ अच्छे होटल में उचित किराये पर आसानी से स्थान मिल सके और जहाँ प्राकृतिक दृश्यों की सुन्दर छटा देखी जा सके । लेकिन अच्छा होटल और साथ ही प्राकृतिक सौन्दर्य की छटा एक ही स्थान पर मिलना कठिन है । इसके अलावा हम बहुत महंगे होटल का खर्च उठाने को भी तैयार नहीं थे ।

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अत: स्थान का चुनाव करना एक कठिन समस्या थी । हमने कई स्थानों के बारे में विचार किया लेकिन किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके । हमने कई मित्रों और रिश्तेदारों से भी विचार-विमर्श किया । अन्त में हमारे एक रिश्तेदार ने हमें लाल बाग जाने का सुझाव दिया ।

लाल बाग एक अच्छा स्वास्थ्यप्रद स्थान है । यहां की जलवायु बड़ी अच्छी है । वहाँ कुछ अच्छे होटल हैं तथा उनके किराये भी किफायती हैं । साथ ही प्राकृतिक सौन्दर्य की प्रचुरता भी है । सभी दृष्टियो से उपयुक्त स्थान जानकर हमने लाल बाग जाने का ही फैसला कर लिया ।

यात्रा के दौरान प्राकृतिक छटा:

लाल बाग तक रेल जाती है । अत: हमने रेल से यात्रा करने का निर्णय लिया । हम लोग प्रात: छ: बजे एक एक्सप्रेस गाड़ी में सवार हुए । थोडी ही देर में गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली । रास्ते में ठंडी हवा के झोंको ने हमें बड़ा प्रफुल्लित कर दिया ।

हम ट्रेन से बाहर का दृश्य देखने लगे । हमें बड़ा चित्ताकर्षक प्राकृतिक सौन्दर्य दिखाई पडा । पटरी के दोनों ओर लहलहाते हुए खेत दिखे । थोडी ही देर में एक बड़ा चारागाह दिखाई दिया । बहुत-से पशु घास चर रहे थे ।

हमारी ट्रेन की तेज घड़घड़ाहट सुनकर कुछ पशु भयभीत होक पूंछ उठाकर इधर-उधर भाग निकले । चरवाहों ने उन्हें पुकारना शुरू किया, पर वे ट्रेन की विपरीत दिशा में भागते ही चले गये । कुछ देर के बाद हमें एक बड़ा नलकूप दिखाई दिया ।

उसमें इंजन लगा हुआ था और पानी बड़ी मोटी धार से गिर रहा था । सिचाई के लिए नालियाँ बनी हुई थीं, जिनसे होकर पानी खेतों में जा रहा था । दोपहर होने पर हमने खाना खाया । हम दोपहर का खाना साथ लाये थे । खाना खाकर हमें कुछ आलस आने लगा और हम सो गए । जब हम उठे, तो शाम ढल चुकी थी । अंधेरा होने लगा था ।

बाहर हमें किसान घर की ओर जाते दिखे । पशु भी चारागाहों से लौट रहे थे । थोड़ी ही देर में एकदम अंधेरा हो गया । अब सर्दी भी बढ़ने लगी थी । हमने डिबे की खिड़कियों बन्द कर लीं । शाम के भोजन के लिए हमने पहले से रेलवे वालों को आदेश दे रखा था । थोड़ी देर में हमारा खाना आ गया और हम लोग पुन: सो गये ।

लाल बाग पहुंचना:

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दूसरे दिन सवेरे हम लाल बाग पहुंच गए । स्टेशन पर ही हमें अपने ऊनी कपड़े निकालने पड़े । हम लोग मॉर्डन हिन्दू होटल में ठहरे । यह होटल बड़े रमणीक स्थान पर बना हुआ था । चारों ओर प्रकृति की छटा बिखरी पड़ी थी । होटल में अपने कमरों में सामान खोलकर हम लोगों ने भोजन किया और कुछ देर विश्राम करने के बाद तीसरे पहर घूमने निकल पड़े ।

लाल बाग के प्राकृतिक दृश्य:

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कुछ दूर तक हमने लाल बाग घूमा । यह बड़ा रमणीक स्थल था । ऊँची-नीची पहाड़ियों पर घर बने हुए थे । हमने वहां के निवासियों से आस-पास के दर्शनीय स्थलों की जानकारी ली । एक-छोटे से टी-स्टाल पर चाय पी । वही के दर्शनीय स्थान दूर-दूर पर थे । अत: हमने रात को अगले दिन के लिए एक टैरूनी किराये पर तय कर ली और होटल लौट आये ।

अगले दिन सुबह टैक्सी होटल पर आ गई । हम लोग टैक्सी पर घूमने निकल पड़े । सबसे पहले हम लाल बाग का प्रसिद्ध उद्यान देखने गये । यह उद्यान ऊंचे नीचे कई स्तरों में बना था । दूर से ही यह बड़ा सुन्दर और आकर्षक लग रहा था ।

उद्यान में प्राकृतिक सौन्दर्य और मानव कला का अद्‌भुत मिश्रण था । हमारा मन उद्यान छोड़ने को नहीं कर रहा था । वहीं फलों व फूलों के अनेक प्रकार के वृक्ष थे । सुन्दर कटाई करके कई स्थानों पर पशुओं और पक्षियों की आकृतियाँ बनी हुई थीं, जो देखते ही बनती थी ।

लेकिन हमें अन्य स्थान भी देखने थे । अत: बेमन से हम लोग उद्यान से बाहर आ गये । अब हम वही से कुछ दूर एक प्रसिद्ध नन्दी मन्दिर देखने गए । यह प्राच्च कला का अनूठा नमूना था । इसके बाद हम लोगों ने महाराजा के ग्रीष्मकालीन महल को देखा । महल देखते ही बनता था । महल में अनेक प्राचीन कलाकृतियाँ संग्रहीत थी । यही भी हमारा समय बडा अच्छा बीता ।

उपसंहार:

इस प्रकार लाल बाग से तीसरे दिन हम वापसी यात्रा पर चल पड़े । रास्ते भर हम लाल बाग के सौन्दर्य की चर्चा करते रहे और वही की सुखद यादें लिए घर लौट आए ।

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