मेरा सर्वाधिक पसन्दीदा खेल पर अनुच्छेद | Paragraph on My Most Favorite Game in Hindi
प्रस्तावना:
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मैं एक अच्छा खिलाड़ी हूँ । अत: मैं लगभग सभी मैदानी खेलों मे भाग लेता हू । लेकिन प्रत्येक लड़के की अपनी कुछ विशेष रुचि भी होती है ।
कुछ लोग हॉकी तो कुछ अन्य लोग फुटबाल पसन्द करते हैं । ऐसे भी अनेक लड़के हैं, जो किक्रेट को सबसे अच्छा खेल मानते है । जब मैं जूनियर कक्षाओं में था, तो मैं कबड्डी और गिल्ली-डंडा जैसे भारतीय खेल खेलना पसन्द करता था । लेकिन अब बड़ा होकर मुझे फुटबाल खेलना सबसे प्रिय है ।
फुटबाल खेलना मुझे क्यों पसन्द है ?
बड़ा स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि इतने खेलों में मुझे सबसे अधिक फुटबाल का खेल क्यों पसन्द है ? इसका उत्तर बड़ा आसान है । सभी खेलकूदों का मुख्य उद्देश्य शरीर की कसरत होता है । फुटबाल के खेल में बड़ी शारीरिक मेहनत लगती है और फुरती से बाल की ओर दौड़ना पड़ता हैं इससे हमारे शरीर का विकास होता है और अस्थियाँ मजबूत होती हैं । इस खेल में अनुशासन का भी बड़ा ध्यान रखना पड़ता है और साथ ही धैर्य और सहनशीलता की आदत भी बनती है ।
फुटबाल का अच्छा खिलाड़ी जीवन के हर क्षेत्र में सफल होता है । वे देश के बहादुर सिपाही बनकर मातृभूमि की अच्छी तरह रक्षा कर सकते है साथ ही वह कुशल राजनेता बन कर अपने देश की सरकार बड़ी आसानी से चला सकता है । यही सब कारण है कि मुझे फुटबाल खेलना सबसे अधिक पसन्द है ।
अन्य खेलों से तुलना:
फुटबाल के इतने गुणों की व्याख्या से एक प्रश्न यह उठता है कि क्या अन्य कोई खेल ऐसा नहीं है, जिसमें इतनी अच्छी कसरत होती हो और उसमें इतने ही अन्य गुण हों । मेरी समझ से फुटबाल के अलावा केवल हॉकी एक ऐसा अन्य खेल है ।
लेकिन हॉकी के खिलाडियों को बहुत-से खतरे उठाने पडते हैं । अक्सर उनके हाथ-पैर टूट जाते हैं और कभी-कभी वे आगे खेलने लायक नहीं रहते । हॉकी का खेल इतना जोशीला होता है कि खिलाड़ियों में लड़ाई-झगड़े हो जाते हैं । हर खिलाडी के हाथ में स्टिक होती है । जरा से झगड़े में रिटके उठ जाती हैं और खिलाडियों को गंभीर चोटें लग जाती हैं ।
फुटबाल का खेल किफायती होता है और इसे सीखना असान है:
एक और कारण जिसकी वजह से फुटबाल मेरा सबसे पसन्दीदा खेल है, क्योकि यह बड़ा कम खर्चीला अथवा किफायती खेल है । इसके लिए किसी कीमती साज-सामान की आवश्यकता नहीं होती । इसके लिए एक बाल तथा चौरस मैदान चाहिए । इस तरह किसी भी चौरस मैदान में यह खेल बड़ी आसानी से खेला जा सकता है ।
इस खेल के नियम भी बड़े सरल हैं, जिन्हें आसानी से सीखा जा सकता है । इसके लिए हमें किसी कुशल प्रशिक्षक की आवश्यकता नहीं पड़ती । इस खेल को छोटे बच्चे भी बड़ी आसानी से सीख लेते हैं और वे बचपन से ही इसे खेलने लगते हैं, जबकि इतनी छोटी आयु में वे हॉकी, किक्रेट अथवा बालीबाल खेलने का साहस नहीं कर सकते ।
कैसे खेला जाता है ?
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हॉकी और किक्रेट की तरह ही फुटबाल में भी दो टीमें भाग लेती हैं । प्रत्येक टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं । एक टीम के पांच खिलाड़ी आगे बढ़कर खेलते हैं, जिन्हें फॉरवर्ड कहते हैं, तीन खिलाड़ी बीच में होते हैं, जिन्हें ‘हाफ बैक’ कहा जाता है और दो खिलाड़ी पीछे की रक्षा पंक्ति बनाते हैं, जिन्हें ‘फुल बेक’ कहा जाता है ।
गोल की रक्षा के लिए एक खिलाड़ी रहता है जो ‘गोल-कीपर’ या ‘गोली’ कहलाता है । खिलाड़ी पैर से फुटबाल पर ठोकर लगाते हैं जिसे ‘किक’ लगाना कहते हैं । लेकिन हाथों के अलावा शरीर के अन्य भाग से भी बाल को छुआ जा सकते है । लेकिन गोलकीपर चाहे तो हाथों का इरतेमाल भी कर सकता है ।
विरोधी टीम के खिलाड़ी को धक्का देकर बाल को अपने कब्जे में लेना या बॉल के आगे विरोधी पाले में गोल के निकट जाना ‘फाउल’ माना जाता है । फाउल के दण्ड के रूप में विरोधी पक्ष को लाभ मिलता है । जो टीम जितने कम फाउल करती है, उसके जीतने की उतनी ही अधिक संभावना रहती है ।
प्रत्येक टीम बाल को विरोधी टीम के गोल के भीतर पहुंचाने का प्रयास करती है । गोल के घेरे के भीतर विरोधी पक्ष का खिलाड़ी किक नहीं लगा सकता । गोल-कीपर चौकन्ना रहता है और अपने हाथ, पैर या शरीर की मदद से बाल को गोल के अन्दर जाने से रोक लेता है । यदि बाल गोल के अन्दर चला जाये, तो एक गोल माना जाता है । इस तरह निर्धारित समय में जिस टीम ने अधिक गोल किए हों, उसे विजयी घोषित कर दिया जाता है ।
उपसंहार : फुटबाल के खेल में हमें सदैव चौकन्ना और चुस्त रहना पड़ता है । अत: इससे शरीर के सभी अंगों की अच्छी कसरत हो जाती है । इससे खिलाडियों में टीम-भावना भी पैदा होती है । इन्हीं कारणों से यह खेल बड़ा लोकप्रिय है ।