एक स्कूली सैर पर अनुच्छेद | Paragraph on A School Excursion in Hindi
प्रस्तावना:
हमारी वार्षिक परीक्षा पिछले वर्ष 26 मार्च को समाप्त हो गई थी । 31 मार्च तक स्कूल बन्द थे । हमारे प्रिसिपल ने पहले से तय कर रखा था कि इस बीच सभी कक्षाओं को किसी दिन सैर पर ले जाया जाये । क्लास टीचरों को अपनी-अपनी कक्षाओं की सैर की व्यवस्था करनी थी । हमारे क्लास टीचर ने 29 मार्च को नहर की सैर पर जाने का निश्चय किया ।
गंतव्य पर पहुँचना:
हमारे स्कूल से नहर आठ किलोमीटर दूर है । हमने निश्चय किया था कि जिन विद्यार्थियों के पास साइकिले है, वे अपनी-अपनी साइकिलों पर चलेंगे तथा अन्य के लिए तांगे की व्यवस्था कर ली जायेगी ।
तीस विद्यार्थी सैर पर जाने को तैयार हुए ।
अठारह के पास साइकिलें थी तथा शेष के लिए दो तांगे किराये पर कर लिए गए । हम सभी लोग नियत दिन आठ बजे स्कूल में एकत्र हुए और साइकिलों तथा तांगों पर हंसते-बतियाते नौ बजे नहर के किनारे पहुँच गए ।
नहर में स्नान:
अब तक सूरज ऊपर उठ आया था और गर्मी बढ़ने लगी थी । रास्ते की थकान से पसीना निकलने लगा था । अत: हमने सबसे पहले नहर में नहाने का फैसला किया । सबने कपड़े उतार कर कुछ देर पसीना सुखाया और नहर में कूद पड़े । नहर में लगभग एके घंटे तक हम लोग नहाते, तैरते और कल्लोल करते रहे ।
हम खाना पकाने का सामान और रसोइया साथ लाये थे । तब तक रसोइये ने चाय तैयार कर ली । हम लोग नहर से निकले और चाय पी तथा उसके साथ कुछ बि२कुट आदि खाये । अब हम लौग टोलियों में बट गए । कुछ लोग ताश खेलने लगे । कुछ लोगों ने शंतरज बिछा ली तथा कुछ अन्य नहर के किनारे घूमने निकल गए ।
दोपहर का भोजन:
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रसोइया भोजन बनाने की तैयारी में जुट गया । लगभग एक बजे भोजन तैयार हो गया । हमारे क्लास टीचर ने हम सभी को भोजन तैयार होने की सूचना दी । हमें भूख भी लग आई थी अत: हम सभी खाने पर टूट पड़े । हमने बड़े स्वाद से भोजन किया । हमारे कुछ साथी भोजन परोसने का काम कर रहे थे । जब कुछ लोग खा चुके तो उन्होंने परोसने वालों को भोजन कराया । लगभग दो बजे हम भोजन से निवृत्त हो गए ।
मनोरंजन के कार्यक्रम:
खाना खाने के बाद मनोरंजन का कार्यक्रम शुरू हुआ । हमारे साथी रवि और श्याम ने बडे सुरीले गीत गाये । रमेश बड़ा अच्छा वायलिन बजाता है । वह वायलिन अपने साथ लाया था । उसने वायलियन पर दो बड़ी सुरीली धुनें बजाईं । लगभग एक घंटे तक संगीत का कार्यक्रम चला । इसके बाद हमारे साथियों ने कई मनोरंजक चुटकले सुनाये । हम हंसी से लोट-पोट हो गए । अब कुछ देर हमने विश्राम किया ।
बालीबाल मैच:
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ठीक चार बजे हम सब उठ गए । हमने दो टीमें बनाकर बालीबाल का मैच खेला । एक टीम का कप्तान मैं था और दूसरी का भूषण । दोनों ही टीमो के बीच कांटे का मुकाबला था । हमें एक घंटा खेल खेलना था । मैच बराबरी पर चलता रहा । कड़े संघर्ष के बाद हमारी टीम विजयी हुई । मैच की समाप्ति पर हम बुरी तरह से थक गए थे ।
शाम की चाय और फल:
हम अपने साथ केले और संतरे लाए थे । मैच की समाप्ति के बाद हमारे क्लास टीचर ने हमें संतरे व केले खाने को दिए । रसोइये ने चाय के साथ बचे हुए बिरकुट भी खाये ।
उपसंहार:
अब तक शाम के छ: बज चुके थे । हमारा लौटने का समय हो गया था । हम लोगों ने मिलकर सारा सामान समेटा और घर के लिए लौट पड़े । लगभग सात बजे हम लोग स्कूल पहुँच गए । वहीं सामान उतरवा कर हम लोग अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए । हमने सारे दिन बडा आनन्द उठाया । यह दिन हमें हमेशा याद रहेगा ।