मेरे गांव में पड़ी एक डकैती पर अनुच्छेद | Paragraph on A Dacoity in My Village in Hindi

प्रस्तावना:

मैं भिंड गांव का रहने वाला हूँ । यह गाँव डकैतियो के लिए कुख्यात है । इस क्षेत्र में डाकुओं की वृद्धि से यहाँ के निवासियों की जान और माल हमेशा खतरे में रहती है ।

इस वर्ष हमारे गाव में एक अमीर लाला के घर साहसिक डकैती पड़ी । डाकुओं का आगतन 12 जून की रात को आसपास के जंगलो से हथियारों से लैस बीस हिंसक डाकू कारों में आए । गाँव की सीमा के बाहर कारे छोड़कर वे पैदल गांव की ओर बड़े ।

घर के भीतर प्रवेश:

गहरचामी लाला फकीरचन्द गाँव से बाहर गए हुए थे । वे अपने बेटे की ससुराल किसी दावत में भाग लेने गए थे । घर में उस समय उनकी पत्नी, उनकी एक विधवा बहिन, दो बेटे तथा दो-तीन नौकर थे । मध्य रात्रि के समय डाकुओं ने पड़ोस के घर से एक सीढ़ी चुराई और उसकी मदद से छ: डाकू लालाजी के मकान की छत पर चढ़ गए । छत से वे आगन में कूद पड़े । उन्होंने लालाजी के दोनों बेटों और तीनो नौकरों को पकड़ कर बांध दिया । इसके बाद उन्होंने घर का मुख्य द्वार खोल दिया, ताकि बाहर खड़े अन्य डाकू भी घर के भीतर आ जायें ।

डकैती डालना:

उन्होंने लाला की पत्नी को पकड़कर उससे घर की तिजोरी तथा बक्सों आदि की चाबियाँ माँगी । उसने बार-बार कहा कि तिजोरी की चाबिया लालाजी के पास रहती हैं और वे अपने साथ ले गए हैं, डाकुओं ने महिला की बात नहीं मानी ।

उन्हों ने उसे बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया और उसे धमकी दी कि यदि वह चाबियाँ नहीं देंगी तो उसे नगा करके उसकी दुर्गत बनाई जायेगी । इतने पर भी उसने चाबियां नहीं दी और बराबर यही कहती रही कि चाबियाँ उसके पास नहीं हैं ।

इतने में एक डाकू लालाजी की जवान विधवा बहिन को बालो से पकड़कर घसीटता हुआ ले आया और कहा कि यदि वह चाबियाँ नहीं देगी, तो उसके सामने उसकी ननंद को नंगा करके उसकी दुर्गत बनाई जायेगी । ललाइन बड़ी पक्की थी । इस पर भी वह न पसीजी । इसी बीच डाकुओं का सरदार ललाइन के दोनों पर हुई हाथापाई लड़कों को उसने सामने ले आया । वे रस्सी से बंधे हुए थे ।

ADVERTISEMENTS:

उसने उन पर मिट्‌टी का तेल छिड़कने का आदेश दिया । मिट्‌टी का तेल छिड़क कर सरदार ने दियासलाई निकाली और ललाइन को कहा कि अगर वह अभी भी चाभी नहीं देगी, तो वह उसके दोनों लड़कों को उसी के सामने जलाकर भरम कर देगा । अब महिला टूट गई और उसने चाबियों का गुच्छा डाकुओं को सौंप दिया ।

चाबियों का गुच्छा लेकर डाकुओं ने तिजोरी खोल डाली और उससे रुपया-पैसा, जेवर आदि सभी कीमतीं वस्तुमें बटोर लीं । इसके बाद घर के अन्य बक्सों से सभी कीमती वस्तुये खोज कर जमा करने लगे । इतने में किसी तरह एक नौकर छूटकर ऊपर छत पर चढ़ गया और जोर-जोर से सहायता की पुकार लगाने लगा ।

ADVERTISEMENTS:

डाकुओं ने भी यह सुना और फौरन उस नौकर को गोली मार दी तथा ग्रामीणों को डराने के लिए हवा में कई फायर किए । ग्रामवासी निहत्थे थे, इसलिए अपनी-अपनी छतों से निःसहाय से देखते रहे । किसी ने डाकुओं के पास आने की हिम्मत नहीं की ।

पूरे दो घटे तक समूचे घर को उथल-पुथल कर डाकुओं ने सारा कीमती सामान, वस्त्र, बर्तन आदि जमा कर लिए और भाग निकले । उनके बाहर निकलने पर एक साहसी नौजावन ने एक डाकू को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन डाकू चौकन्ने थे । उन्होंने उसे भी गोली मार दी और आराम से हवा में गोलियाँ दागते हुए अपनी कारो पर बैठ गायब हो गए ।

उपसंहार:

इस डकैती में लालाजी का सबक-कुछ चला गया । लगभग 2 लाख रुपये की सम्पत्ति तथा कुछ जेवर आदि लुट गया । नौकर के पैर में तथा ग्रामीण के कंधे में गोली लगी थी । वे दोनो बच गए । उन्हें सरकार की ओर से वीरता पुररकार मिला ।

Home››Paragraphs››