हमारे स्कूल का एक उत्सव पर अनुच्छेद | Paragraph on A Festival in Our School in Hindi
प्रस्तावना:
हर स्कूल में कुछ उत्सव और त्यौहार विद्यार्थियों के लाभ के लिए अवश्य मनाए जाने चाहिए । स्कूल में मनाए गए उत्सवों और त्यौहार की अपनी अलग उपयोगिता होती है । इनसे स्कूल में पारिवारिक वातावरण बनता है । इससे विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ता है, मनोरंजन होता है और नीरसता दूर होती है ।
इन उत्सवने और समारोहों में भाग लेने से उन्हें सभाओं और उत्सवो के प्रबन्ध करने और बहुत-से लोगों से सामने भाषण देने का व्यावहारिक लान प्राप्त हो जाता है । हमारे स्कूल में हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है ।
उत्सव की तैयारी:
जन्माष्टमी की छुट्टी के कई दिन पहले प्रिसिपल ने एक आदेश जारी करके बताया कि स्कूल में भगवान कृष्ण का जन्म बडी धूमधाम से मनाया जायेगा । सभी विद्यार्थियों को इस उत्सव में भाग लेने को कहा गया । स्कूल में भव्य तैयारियाँ की गईं ।
संगीत शिक्षक ने कुछ लड़कों को इस अवसर पर गाना गाने के लिए तैयार किया । हिन्दी के अध्यापक ने उन लडकों के नाम लिख लिए, जो भगवान् कृष्ण के जीवन पर कुछ भाषण दे सकते थे । कला के अध्यापक ने भगवान् कृष्ण का एक बड़ा चित्र बनाया । स्कूल के हॉल मे एक मच बनाया गया । कुछ लडकों को लेकर एक ड्रामा भी तैयार किया गया, जिसमें भगवान् कृष्ण के जीवन की घटना दिखाई गई थी ।
समारोह का वर्णन:
ADVERTISEMENTS:
दोपहर बाद समारोह का प्रारंभ हुआ । मेहमान और विद्यार्थी दोपहर बाद 2 बजे से आने लगे । समारोह का प्रारंभ ठीक 4 बजे हुआ । सबसे पहले तीन छोटे बच्चों ने भगवान् श्रीकृष्ण की स्तुति गाई । इस प्रार्थना में भगवान् श्रीकृष्ण से इस आर्य भूमि पर पुन: जन्म लेने का अनुरोध किया गया, ताकि वे देश में धर्म की रक्षा करें ।
इसके बाद भाषण प्रतियोगिता शुरू हुई । लगभग दरर विद्यार्थियों ने इस्न प्रतियोगिता मे हिस्सा लिया । उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रकाश डाला । सभी लोगों ने यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया कि भगवान् श्रीकृष्ण का जन्म पृथ्वी से पाप का भार कम करने के लिए हुआ था । भाषणों के बाद गायन का कार्यक्रम शुरू हुआ । बहुत-से लड़की ने बड़े सुरीले सुर में गाने गाए । सभी दर्शको ने बड़ी सराहना की ।
इसके बाद ड्रामा शुरू हुआ । दो छोटे-छोटे ड्रामा खेले गए । पहला ड्रामा ‘कृष्ण-सुदामा’ का था । दूसरा ड्रामा ‘गीता’ का था । इसमें रणभूमि में भगवान् श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए दिखाए गए थे । दोनों ड्रामा लोगों ने बड़ी रुचि से देखे । इसके बाद श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कई वक्ताओं ने बड़ी सुन्दर भाषण दिये ।
अध्यक्ष का भाषण:
समारोह के अन्त में अध्यक्ष ने भाषण दिया । उन्होने लड़कों के काम की बड़ी सराहना की । उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और उन विशेषताओ का उल्लेख किया, जो अन्य वक्ताओं से छूट गई थीं ।
उपसंहार:
ADVERTISEMENTS:
समारोह की समाप्ति पर सभी विद्यार्थियों और मेहमानों को प्रसाद के रूप में मिठाई बांटी गई । बच्चे मिठाई पाकर बड़े प्रसन्न हुए । समारोह लगभग चार घंटे तक चला । इस बीच सभी लोग बड़ी शांति से बैठे रहे । यह समारोह इस सफलता का स्पष्ट प्रमाण है । हम सब मिठाई के पैकेट लिए बडी खुशी के साथ घर लौट आए ।