हमारे विद्यालय का वर्षिकोत्सव पर निबन्ध | |Essay on Annual function of Our School in Hindi!
1. भूमिका:
किसी भी विद्यालय का वार्षिकोत्सव उस विद्यालय के एक महत्त्वपूर्ण त्योहार (Important festival) के समान होता है । मेरे विद्यालय में वार्षिकत्सवभी प्रति वर्ष मनाया जाता है, जो केवल हमारे विद्यालय का ही नहीं बल्कि समूचे नगर (City) के आकर्षण का केंद्र (Centre of attraction) होता है ।
2. वर्णन:
इस बार हमारे विद्यालय के नये सत्र (New Session) के आरम्भ होते ही प्रधानाध्यापक (Headmaster), अध्यापकगण (Teachers) तथा स्कूल कैप्टेन की बैठक (Meeting) में यह प्रस्ताव (Proposal) पास किया गया कि इस बार का वार्षिकोत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाए ।
इसके लिए दिन भी निश्चित किया गया । वार्षिकोत्सव की योजना (Plan) छात्रों और अध्यापकों ने मिलकर बनायी । योजना बनते ही तैयारियाँ भी शुरू हो गईं । छात्रों में से कुछ खास करतब (Magic) दिखाने वाले चुने गये । कई छात्रों को ‘मर्चेट ऑफ वेनिस’ के डायलॉग याद करने को दिया गया ।
ADVERTISEMENTS:
कुछ छात्र-छात्राओं ने मिलकर नृत्य और संगीत का कार्यक्रम बनाया और अभ्यास में लग गए । कई छात्रों ने मंच-सज्जा (Stage Decoration) की तैयारी आरम्भ की । इसके अतिरिक्त कई अन्य भारतीय और पश्चिमी (Western) शैली के कार्यक्रम बनाये गए ।
एक माह की तैयारी के बाद निश्चित दिन को छात्र-छात्राओं के अभिभावक (Guardians) तथा नगर (City) के अनेक प्रतिष्ठित (Eminant) व्यक्ति आडिटोरियम में उपस्थित थे । मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षामंत्रीजी पधारे थे । स्वागतगान (Welcome song) के साथ मंच (Stage) का पर्दा उठा और शास्त्रीय नृत्य (Classical dance) के साथ कार्यक्रम का आरम्भ हुआ ।
इसके पश्चात् प्रधानाध्यापकजी ने विद्यालय की प्रगति (Development) का ब्यौरा (Statement) दिया और मंत्रीजी ने विद्यार्थियों के पिछले वर्ष की उपलब्धियों (Achievement) के लिए पुरस्कार (Prizes) प्रदान किये । इसके बाद शेष कार्यक्रम एक-एक कर मंच पर प्रस्तुत किये गये और हॉल तालियों की आवाज से गूँजता रहा ।
3. प्रेरणा:
वार्षिकोत्सव के अन्य दिनों में खेलकूद एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ भी हुईं, किन्तु सांस्कृतिक संध्या का प्रभाव दर्शकों के मन पर छाया रहा । हमारे विद्यालय के इन कार्यक्रमों को देखकर नगर के अन्य विद्यालय भी इस प्रकार का वार्षिकोत्सव आयोजित करने की योजना बना रहे हैं ।
4. उपसंहार:
हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव केवल आनन्ददायक ही नहीं बल्कि प्रेरणादायक (Inspiring) भी होता है । इससे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ जीवन के अन्य कार्यों को भी महत्त्वपूर्ण मानने की प्रेरणा मिलती है ।