बाल दिवस पर निबन्ध | Essay for Kids on Children’s Day in Hindi!

1. भूमिका:

आज के बच्चे कल बड़े होकर देश के नागरिक होंगे । अत: जैसा उनका बचपन बीतेगा, वैसा ही वे बड़े होकर बनेंगे । बच्चों को यदि आज प्यार-दुलार (Love and Affection) मिलता है, तो कल बड़े होने पर दूसरों से प्यार का व्यवहार करने की भावना (Feeling) उनमें जरूर होगी । यह बात भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ।

पंडित जवाहर लाल नेहरू अच्छी तरह जानते थे । इसी कारण जितना महत्त्वपूर्ण उनके लिए देश-विदेश के बड़े-बड़े काम थे, उतने ही महत्त्वपूर्ण देश के बच्चे थे । बच्चे भी प्यार से उन्हें चाचा कहकर बुलाते थे । चाचा नेहरू के जन्मदिवस (Birthday) यानी 14 नवम्बर को हर साल मनाया जाता है बाल दिवस ।

2. चाचा नेहरू के कार्य:

चाचा नेहरू बच्चों से इतना प्यार करते थे कि जब बच्चे उनके पास जाते तो नेहरू जी भूल जाते थे कि वे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर (International) के एक महान नेता और देश के प्रधानमंत्री हैं । वे धूल (Dust) से सने बच्चों को गोद में उठाकर प्यार करते और उपहार (Gift) के रूप में उन्हें कुछ-न कुछ अवश्य देते थे ।

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चाचा नेहरू के प्रयत्न रह के कारण ही दिल्ली में बच्चों के खेल-कूद के लिए बाल उद्यान (Children Park) तथा बच्चों की प्रतिभा (Talent) के विकास के लिए बाल भवन का निर्माण हुआ । इसमे साथ ही उन्होंने बच्चों की रुचि (Interest) की पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट (C.B.T.) नामक सरकारी संस्था (Government Instition) भी बनवायी ।

उनके निवास (Residence) त्रिमूर्ति भवन को उनकी इच्छा के अनुसार बाल संग्रहालय (Museum for Children) का रूप दे दिया गया है । बच्चों ने जो उपहार उन्हें दिये थे, वे सब उस भवन में रखे गये हैं ।

3. बाल दिवस के कार्यक्रम:

बाल दिवस देश भर के बच्चों के लिए किसी त्योहार (Festival) से कम नहीं होता । देश भर के अनेक विद्यालयों में इस उत्सव को मनाने (Celebration) की तैयारी कई दिन पहले से शुरू हो जाती है । कई स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programme) होते हैं, तो कहीं खेलकूद और तरह-तरह के तमाशे होते हैं, बच्चों को उनके विभिन्न क्रियाकलापों (Various) पत्र के लिए पुरस्कार (Prizes) दिये जाते हैं ।

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कई स्कूलों में अध्यापक-अध्यापिकाएँ बच्चों के लिए कार्यक्रम पेश करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य (Bright Future) के लिए उन्हें शुभकामना देते हैं । बच्चे और अध्यापक इस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति या तस्वीर पर फूल-माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं ।

4. उपसंहार:

बाल दिवस अनखिले फूलों यानी बच्चों का दिन है जो हमें पंडित जवाहरलाल नेहरू की याद तो दिलाता ही है, साथ ही इस दिन से हमें बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए सभी तरह के प्रयत्न करने की प्रेरणा मिलती है और उनका आत्मविश्वास (Self-Confidence) बढ़ाने की कोशिश करने का संदेश मिलता है ।

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