विश्व शांति में विज्ञान और तकनीक का योगदान पर निबन्ध | Essay on Use of Science and Technology for Peace in Hindi!
सभ्यता के आरंभ से ही मनुष्य प्रकृति की शक्तियों पर विजय पाने की ओर प्रयासरत रहा है । विज्ञान और तकनीक ने मनुष्य की सहायता विभिन्न प्रकार से की है, चाहे वह प्राचीन पत्थर अथवा धातु के बने शस्त्रों का क्षेत्र हो अथवा उसके द्वारा यात्रा की दृष्टि से निर्मित किए गए पहिए का ।
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मनुष्य में हमेशा से ही अपनी स्थिति को सुधारने अथवा उन्नत करने की प्रवृत्ति विद्यमान है । उसने विज्ञान और तकनीक के माध्यम से जीवनयापन के प्राचीन ढंगों को छोड़कर नवीन ढंगों का आविष्कार किया। आधुनिक समय में विज्ञान और तकनीक ने हमारी प्रत्येक बाधा को दूर कर दिया है ।
हम न केवल इस धरती पर एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की यात्रा करने में सफल हुए हैं बल्कि अंतरिक्ष में भी शोध केन्द्र स्थापित करने की योजना बना रहे है । अंतरिक्ष यात्रा अब एक वास्तविकता बना गई है । कुछ वर्ष पूर्व जो रोग असाध्य थे, अब उनका प्रभावशाली उपचार संभव हो चुका है । आधुनिकता की लहर ने कृषि को भी सहयोग दिया है ।
परन्तु दुर्भाग्यवश, मनुष्य ने विज्ञान और तकनीक का प्रयोग मानव जाति के विनाश के लिए भी करना आरंभ कर दिया है और अमेरिका द्वारा घोषित ‘स्टार वार’ परमाणु बम और प्रक्षेपास्त्र, इसके उदाहरण है । आज मनुष्य नागासाकी और हिरोशिमा की विभीषिका को भुला बैठा है । हमारे वैज्ञानिक अपने अन्वेषणों का प्रयोग शांति स्थापना के लिए भी कर सकते हैं ।
अविकसित, विकासशील राष्ट्र कृषि, मौसम, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में वैज्ञानिक ढंगों का प्रयोग कर सकते है । अमरीका, रूस जैसी महाशक्तियों इस क्षेत्र में अपनी विरोधी भावना त्यागकर मानव जाति का नेतृत्व कर सकती है । पूर्ण रूप से शस्त्रबंदी लागू होनी चाहिए । युद्ध अथवा सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए धन को शांति एवं कल्याणकारी कार्यो पर लगाना चाहिए ।
विश्व शांति स्थापना के लिए भारत की भूमिका सराहनीय है । हमारी परमाण्विक योजनाएं भी शांति से संबंधित हैं । आज विश्व परमाणु युद्ध के कगार पर खड़ा है, इस स्थिति से बचने के लिए भारत के समान विज्ञान और तकनीक का प्रयोग शांतिपूर्ण कार्यो में करने की आवश्यकता है । इन प्रयासों के जरिए विश्व खुशहाल हो सकता है । और यह विज्ञान और तकनीक की सहायता से ही संभव है ।