बेरोजगारी पर निबन्ध | Essay on Unemployment in Hindi!

1. भूमिका:

संसार की अनेक प्रकार की समस्याओं (Problems) में बेरोजगारी भी एक बडी समस्या है । यदि यह कहा जाय कि बेरोजगारी ही अनेक पारिवारिक, व्यक्तिगत (Personal) तथा सामाजिक समस्याओं की जड़ है, तो गलत नहीं होगा ।

मानसिक बीमारियाँ (Mental Diseases) हों या पारिवारिक कलह (Tensions in a Family) अथवा समाज में हिंसा और आतंकवाद (Terrorism) आदि के पीछे अन्य कारणों के साथ-साथ बेरोजगारी का भी बहुत बड़ा हाथ है ।

2. कारण:

बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) के बाद सामाजिक ढाँचे (Social set up) में परिवर्तन । छोटे-छोटे हाथों का काम बड़ी-बड़ी मशीनों और कल-कारखानों ने ले लिया । महीनों का काम घंटों में होने लगा ।

उत्पादन (Production) बढ़ गया और अनेक लोगों को कल-कारखानों में काम करने का मौका भी मिला किन्तु सब लोगों को नहीं । पहले सब लोग अपना काम खुद करते थे और अपनी जरूरत की चीजें बना लेते थे । आज सब लोगों के लिए काम कुछ लोग करते हैं और आइ धकतर लोग बेकार हैं ।

बेरोजगारी के अन्य कारणों में प्रमुख है शिक्षा व्यवस्था का ठीक न होना । हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था (Education system) पश्चिमी देशों के वातावरण (Environment of Western countries) पर आधारित है । हम ऐसी शिक्षा पाते हैं जो जीवन में हमारे काम आयेगी अ थवा नहीं, कहा नहीं जा सकता ।

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हम पढ़ते-लिखते इसलिए हैं कि हमें मेहनत न करनी पड़े और हम पढ़-लिखकर दूसरों पर राज करें । यह गलत धारणा (Wrong view) हमें आज की शिक्षा देती है । यह गलत शिक्षा हमें केवल स्कूल-कॉलेजों से ही नहीं बल्कि घर-परिवार, फिल्मों और टी.वी. चैनलों से भी मिलती है ।

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जनसंख्या (Population) का आइ धक बढ़ जाना बेरोजगारी का एक अन्य कारण है । हर काम के लिए आज कोई न कोई मशीन है, दफ्तरों (Office) में क्लर्क तथा एकाउंटेन्ट का काम करने के लिए कम्प्यूटर हैं । इसलिए मानव के करने लायक आज काम अधिक नहीं बचे हैं । ऐसी स्थिति में जितनी जनसंख्या बढ़ेगी उतनी बेरोजगारी बढ़ेगी ।

3. निपटने के उपाय:

बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए (In order to check the unemployment problem) आवश्यकता है कि जनसंख्या पर नियंत्रण (Control) रखने के साथ-साथ मशीनों की सख्या पर भी नियंत्रण रखा जाय और मशीनों तथा कम्प्यूटरों का प्रयोग वहीं किया जाय जहाँ मनुष्य अपनी शक्ति नहीं लगा सकता ।

साथ ही उपयोगी (Useful) ज्ञानदायक तथा स्वरोजगारोम्मुखी (Self employment oriented) शिक्षा मिलनी चाहिए । बेरोजगारी दूर करने के लिए लोगों के विचार बदलने होंगे तथा कुटीर उद्योगों (Cottage industries) को अधिक बढ़ावा देना होगा ।

4. उपसंहार:

बेरोजगारी किसी देश के लिए बहुत बड़ा कलंक है क्योंकि इसके कारण दूसरी समस्याओं के साथ-साथ देश के गुलाम हो जाने का खतरा भी रहता है । इसलिए सबसे पहले इस समस्या से निपटना जरूरी है ।