हिंदी साहित्य में आदर्शवाद और यथार्थवाद पर निबन्ध |Essay on Idealism and Realism in Hindi Literature in Hindi
हिंदी साहित्य में आदर्शवाद और यथार्थवाद पर निबन्ध |Essay on Idealism and Realism in Hindi Literature in Hindi! साहित्यकार और साहित्य, दोनों को समाज ही बनाता है । एक साहित्यकार अपने जीवन और समाज से जो भी पाता है, वही साहित्य में उडेलता है और यदि वह कहीं बाहर से कुछ भी लेता है तो वह हमारे जीवन से मेल [...]