स्वतंत्रता के पचास वर्षों में जो हमने नहीं सीखा | पर निबंध
स्वतंत्रता के पचास वर्षों में जो हमने नहीं सीखा! किसी समय अपने अनुशासन, मर्यादा एवं गरिमा के लिये भारतवासियों का विश्व की समस्त सभ्यताओं में एक विशिष्ट व महत्वपूर्ण स्थान था । लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब हमारी सारी गरिमायें, मानवीयता, श्रेष्ठतम मानव मूल्य और परम्परायें विदेशी आक्रमणकारियों के छल-कपट और धूर्तता के चलते धूल-धूसरित होती चली गई [...]