पसीने का कोई मजहब नहीं होता पर निबंध | Essay on Sweat has no Religion in Hindi
पसीने का कोई मजहब नहीं होता पर निबंध | Essay on Sweat has no Religion in Hindi! समाज में राजनीतिक नेतृत्व का तानाबाना बिखर चुका है । जाने-अनजाने यह देश नागरिक अराजकता की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि कद्दावर राजनीतिक नेतृत्व का अभाव है । व्यवरथा राजनेताओं के हाथों से फिसलकर ‘पॉलिटिकल मैनेजरों’ के हाथों में आ गई है, जिनकी [...]