एकहि साधे सब सधे, सब साधे सब जाय पर निबंध |
महान् क्रान्तिकारी सन्त एवं युगप्रवर्तक कवि कबीर ने लिखा है- ''एकहि साधे सब सधे, सब साधे सब जाय । माली सींचे मूल को, फूलै फले अघाय ।।'' कहने का तात्पर्य है कि जिस तरह माली के द्वारा पौधे की जड़ को सींचने से पूरे पेड़ की सिंचाई हो जाती है और समूचा पेड़ हरा-भरा होकर खूब फूलता-फलता है, ठीक उसी [...]