भ्रमण के लाभ पर अनुच्छेद | Paragraph on Value of the Travelling in Hindi
प्रस्तावना:
हम बहुत-से कारणों से भ्रमण करते है । कभी यह भ्रमण व्यापार के सिलसिले में होता है, तो कभी नए-नए स्थानों को देखने के लिए । इसके अलावा अन्य आवश्यकताओं के कारण भी यात्रा करनी पड़ती है । मौसम के बदलाव के लिए तथा पहाडियों की छटा देखने के लिए हम दार्जिंलिंग या शिमला जाते हैं ।
कभी-कभी समुद्र में -नान और बडा, के सूर्योदय क्ए दृश्य को देखने त्हे लिए बम पूरी को यात्रा करते हैं । धर्म के प्रति आरशा के कारण हम दुर्गम तीर्थ स्थानों की यात्रा पर जाते हैं । लेकिन हमारे देश में ज्ञान प्राप्ति के उद्देश्य से शायद ही कोई भ्रमण करता हो । यूरोप, अमरीका तथा अन्य पश्तिमी देशो में भ्रमण शिक्षा का आवश्यक अंग है ।
भ्रमण का शैक्षिक महत्व:
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भ्रमण द्वारा इतने अधिक शैक्षिक लाभ होते हैं वि सभी का आसानी से वर्णन नहीं किया जा सकता । अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक बेकन को कहना है कि युवा वर्ग के लिए भ्रमण शिक्षा का अंग है, जबकि बड़े लोगों को इससे अनुभव मिलता है ।
भ्रमण से जो हम सीखते हैं, उसे पुस्तकों से सीखना कठिन होता है । क्योंकि सीखने में आँख की भूमिका अन्य ज्ञानेन्द्रियों की तुलना में सबसे अधिक होती है । उदाहरण के लिए, हम पुस्तकों में पढ़ते हैं कि प्राचीन काल में नालन्दा नाम का एक विश्वविद्यालय था ।
इसमें कम-से-कम 100 लेक्चर रूम थे । पककर ऐसा लगता है कि यह कल्पना की उड़ान है अथवा किसी दिवारचब्जी अनुसंधानकर्ता की मनगढ़त घटना है । जब हम खुदाई में मिले भग्नावशेषो को देखकर परीक्षा करते हैं, तो हमारे सभी शक स्वत: दूर हो जाते हैं और किताबों में पढ़ा ज्ञान प्रमाणित हो जाता है ।
ज्ञान में वृद्धि:
भ्रमण हमारे किताबी ज्ञान में वृद्धि करता है । भ्रमण के सहारे इतिहास हमे वास्तविक दिखता है तथा समूचा भूगोल साकार हो उठता है । इससे अर्थशास्त्र के सिद्धान्तों की परीक्षा हो जाती है और नई चुनौतियां उभर आती हैं । समाजशास्त्र की नींव मजबूत हो जाती है । ऐतिहासिक महत्त्व के स्थानों के भ्रमण से पुस्तकों में पढ़ी धुँधली छवि प्रकाशित होकर साकार हो जाती है ।
संसार के व्यावहारिक ज्ञान की प्राप्ति:
भ्रमण संसार के व्यावहारिक ज्ञान को प्राप्त करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है । प्रसिद्ध कवि पोप ने ठीक ही कहा है कि मानवता का सही अध्ययन मनुष्यों के अध्ययन से ही हो सकता है । भ्रमण के दौरान तरह-तरह के व्यक्तियों से हमारा संपर्क होता है ।
यदि हम चौकन्नी निगाह रखकर भ्रमण करें और अपने दिल और दिमाग के खिड़की और दरवाजे सभी खुले रखें तो हमें भ्रमण से संसार के व्यक्तियों और घटनाओं का इतना व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो जायेगा जो किसी भी पुस्तक रने नहीं मिल सकता ।
स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य:
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मस्तिष्क के स्वरथ विकास के लिए भी भ्रमण अति आवश्यक है । कवीन्द्र टैगोर का कहना है कि मन का स्वारस्य चुनी हुई पुस्तकों की जेल की दीवारो से घिरे निश्चल रकूल की गतिहीन कक्षाओं में पढ़ाई से नहीं सुधर सकता ।
दृष्टिकोण विस्तृत होता है:
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भ्रमण से हमारा दृष्टिकोण विस्तृत होता है । इससे हमारे विचारो और दृष्टिकोण में उदारता आती है । इसके द्वारा हमारे मन में मानवता के प्रति सहानुभूति जागृत होती है । विविध प्रकार का अनुभव पाकर हम घटनाओं और वस्तुओं को एक नई दिशा से देखना सीख जाते हैं । इससे मूल्यों के प्रति हमारा सही दृष्टिकोण विकसित होता है ।
व्यापार और वाणिज्य की उन्नति:
भ्रमण द्वारा हमें व्यापार और वाणिज्य की भी व्यावहारिक जानकारी मिलती है । विश्व के व्यापारिक केन्द्रों के भ्रमण से हमें इतना ज्ञान प्राप्त होता है, जो वाणिज्यिक पुस्तकालय की सभी पुस्तकों तक से प्राप्त नहीं हो सकता । निजी संपर्क से नए व्यापारो का सूत्रपात होता है, इस तरह भ्रमण द्वारा व्यापार को बड़ा बढ़ावा मिलता है ।
प्रकृति की गोद में:
भ्रमण से हम प्रकृति की गोद में पहुंचते हैं । विभिन्न भाषाओं की पुस्तकों में अनेक विद्वानों के प्रकृति वर्णन को पढ़कर हम बड़े प्रभावित होते हैं, लेकिन भ्रमण द्वारा वही सब हमारे सामने साकार होकर मंत्रमुग्ध कर देता है । विशाल पर्वतों के सामने खड़े होने पर अथवा समुद्र तट की उछलती लहरें देख कर हमें अपनी लघुता का ज्ञान होता है ।
शैक्षिक पर्यटन विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य:
यह बड़ा महत्त्वपूर्ण है कि प्रत्येक विद्यार्थी को भ्रमण के समुचित अवसर उपलब्ध कराने चाहिए । लेकिन हमारी निर्धनता के कारण विद्यार्थियों की बहुत बड़ी संख्या को इस हेतु पर्याप्त धन नहीं मिल पाता । फिर भी भ्रमण के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए, हमारी शिक्षण संस्थाओं को रेल अधिकारियों तथा संस्थाओ से सहायता लेकर सस्ती दरो पर कुछ शैक्षिक पर्यटनों की व्यवस्था अवश्य ही करनी चाहिए ।
उपसंहार:
भ्रमण का पूरा लाभ उठाने के लिए हमें यात्रा के दौरान अपनी ऑखें और कान खुले रखने चाहिए तथा मन में सीखने की ललक होनी चाहिए ।